''भक्ति में अपनी जान देने का रूल कहाँ से आ गया?" - अंधविश्वास का एक और चौंकाने वाला मामला!

भक्ति या अंधभक्ति? छत्तीसगढ़ में एक 16 साल की लड़की ने मंदिर में जो किया, उसे जानकर आप दंग रह जाएँगे। इस घटना ने न सिर्फ़ लोगों को हैरान कर दिया है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज के समय में भी अंधविश्वास किस कदर फैला हुआ है। क्या है यह चौंकाने वाली घटना? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें।

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Edited By: Aprajita

Chattisgarh: अक्सर हम सुनते हैं कि श्रद्धा में शक्ति होती है, लेकिन जब श्रद्धा अंधविश्वास में बदल जाए तो क्या होता है? इसका एक खौफनाक उदाहरण हाल ही में छत्तीसगढ़ में देखने को मिला, जहाँ एक 11वीं कक्षा की छात्रा ने भक्ति की आड़ में ऐसा कदम उठाया जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यह घटना अंधविश्वास की उस पराकाष्ठा को दर्शाती है जो आज भी हमारे समाज में कहीं न कहीं मौजूद है।

16 साल की लड़की ने उठाया खौफनाक कदम

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के देवरघटा गाँव के अचरीपाली में एक 16 वर्षीय लड़की ने भगवान शिव की भक्ति में अपनी जीभ काटकर उन्हें अर्पित कर दी। इस घटना के बाद लड़की ने खुद को मंदिर के अंदर बंद कर लिया और साधना में लीन हो गई। जैसे ही इस घटना की खबर गाँव वालों और पुलिस को लगी, हर तरफ हड़कंप मच गया।

ग्रामीणों ने पुलिस को मंदिर में जाने से रोका

जब पुलिस मौके पर पहुँची, तो ग्रामीणों ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि लड़की भगवान की भक्ति में लीन है और उसे परेशान नहीं करना चाहिए। मामला तब और गंभीर हो गया जब उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुँचे, लेकिन ग्रामीणों ने मंदिर को चारों तरफ से घेर लिया और लड़की को अस्पताल ले जाने से साफ़ इनकार कर दिया। इस घटना ने एक बार फिर अंधविश्वास और तर्क के बीच की बहस को जन्म दे दिया है।

यह पहली घटना नहीं

यह पहली बार नहीं है जब अंधविश्वास के चलते इस तरह की घटना सामने आई है। इससे पहले वाराणसी में भी एक ऐसी ही घटना हुई थी, जहाँ एक पुजारी ने माँ काली के प्रति अपनी अत्यधिक आस्था के चलते अपनी गर्दन काट ली थी। पुजारी का मानना था कि उसे माँ के दर्शन नहीं हो रहे हैं, जिसके चलते उसने यह खौफनाक कदम उठाया। इस घटना ने भी पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया था।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़

जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, लोगों ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रियाएँ दीं। कुछ लोगों ने इसे अंधविश्वास की पराकाष्ठा बताया, तो कुछ ने इस तरह की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। एक यूज़र ने लिखा, "अंधविश्वास ने पूरे देश का बंटाधार कर रखा है।" एक अन्य यूज़र ने सवाल उठाया, "भक्ति में अपनी जान देने का नियम कहाँ से आया?" लोगों ने इस घटना पर हैरानी और गुस्सा दोनों जताया।

अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की जरूरत

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास किस कदर फैला हुआ है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ज़रूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए और उन्हें तर्क और विज्ञान के महत्व को समझाया जाए। शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ही हम इस तरह के अंधविश्वासों को जड़ से खत्म कर सकते हैं।

यह खबर उन सभी लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अंधविश्वास में जकड़े हुए हैं। हमें अपनी सोच को बदलने और तर्कपूर्ण ढंग से सोचने की ज़रूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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05 January 2025, 07:35 PM IST

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