असम में पाकिस्तान का समर्थन करना पड़ा भारी, भारत विरोधी पोस्ट करने के आरोप में छह लोग गिरफ्तार, NSA के तहत मामला दर्ज
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हुए कहा कि यह राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों पर चल रही कार्रवाई का हिस्सा है. सरमा ने चेतावनी दी कि और भी गिरफ्तारियां होंगी क्योंकि अधिकारी पहलगाम हमले से जुड़े भड़काऊ पोस्ट के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखना जारी रखेंगे.

असम पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद सोशल मीडिया पर भारत विरोधी कंटेट पोस्ट करने के आरोप में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में असम के अलग-अलग जिलों के कई लोग शामिल हैं और उनमें से एक ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम भी हैं.
आरोपियों पर लगेगा एनएसए
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हुए कहा कि यह राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों पर चल रही कार्रवाई का हिस्सा है. सरमा ने चेतावनी दी कि और भी गिरफ्तारियां होंगी क्योंकि अधिकारी पहलगाम हमले से जुड़े भड़काऊ पोस्ट के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखना जारी रखेंगे. सीएम सरमा ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कड़ी निगरानी रख रही है और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के प्रति समर्थन व्यक्त करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लागू करेगी.
इन लोगों को किया अरेस्ट
अमीनुल इस्लाम को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने पहलगाम हत्याकांड को 2018 के पुलवामा आतंकी हमले से जोड़ा था और इन त्रासदियों के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार बताया गया था. उनकी टिप्पणियों से व्यापक आक्रोश फैल गया, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में मोहम्मद जाबिर हुसैन (हैलाकांडी), मोहम्मद एके बहाउद्दीन और मोहम्मद जावेद मजूमदार (सिलचर), मोहम्मद महाहर मिया (मोरीगांव), मोहम्मद अमीनुल इस्लाम (नागांव), और मोहम्मद साहिल अली (शिवसागर) शामिल हैं.
असम यूनिवर्सिटी के छात्र ने की विवादित पोस्ट
उल्लेखनीय मामलों में से एक में असम विश्वविद्यालय के एक छात्र ए.के. बहाउद्दीन चौधरी को पहलगाम में हिंदू पर्यटकों की हत्या के बाद सांप्रदायिक और असंवेदनशील टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. 24 अप्रैल को असम यूनिवर्सिटी पुलिस चौकी में एफआईआर दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया. सिलचर के एक अन्य व्यक्ति मोहम्मद जावेद मजूमदार को भी सोशल मीडिया पर इसी तरह की अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
यहां से भी हुई गिरफ्तारी
मोरीगांव में एक मुस्लिम मौलवी मोहम्मद महाहर मिया को सोशल मीडिया पोस्ट में 'अच्छा काम'लिखकर पहलगाम में आतंकवादी हमले की कथित तौर पर प्रशंसा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. मोइराबारी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. हैलाकांडी में मीडियाकर्मी मोहम्मद जाबिर हुसैन को पहलगाम हत्याकांड को वक्फ संशोधन अधिनियम सहित सरकारी कार्यों से जोड़ने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने और केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट को दोषी ठहराने के लिए हिरासत में लिया गया था. इसके अलावा, मोहम्मद साहिल अली को आतंकी हमले से संबंधित भड़काऊ पोस्ट करने के लिए शिवसागर पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
असम पुलिस ने दी थी हिदायत
मुख्यमंत्री सरमा ने इस तरह के भड़काऊ बयान देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने पहले भी लोगों को भारत विरोधी कंटेट पोस्ट करने के खिलाफ आगाह किया था और असम पुलिस को ऐसे विचारों को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
पाकिस्तान का समर्थन करना पडे़गा भारी
गिरफ्तारियों ने विभाजनकारी बयानबाजी फैलाने में सोशल मीडिया की भूमिका और इन प्लेटफार्मों का उपयोग करने में व्यक्तियों की जिम्मेदारी पर एक बड़ी चर्चा को जन्म दिया है. जैसे-जैसे जांच जारी है, असम के अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे राष्ट्र की एकता और अखंडता को कमजोर करने वाली किसी भी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
पहलगाम हमले से संबंधित पोस्ट के लिए अधिक व्यक्तियों की निगरानी के कारण कार्रवाई और तेज होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री सरमा के बयान में सरकार के इस संकल्प को भी उजागर किया गया कि कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेगा या भारत विरोधी प्रचार में शामिल नहीं होगा.


