सर्वे करने वाले जियोलॉजिस्ट का दावा, 'खतरनाक होगा जोशीमठ को फिर से बसाना'
आज से जोशीमठ में असुरक्षित भवनों पर बुल्डोजर चलने वाला है लेकिन उससे पहले लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है जोशीमठ के लोग सड़कों पर बैठकर मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है। वहीं अब जोशीमठ का सर्वे करके लौटे आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजीव सिन्हा जो एक भू-वैज्ञानिक भी है ने कहा कि, "जोशीमठ को दोबारा बसाने की कोशिश खतरनाक है क्योंकि ये स्लाइडिंग जोन में है।"
उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार भूस्खलन के चलते लोगों को जनजीवन काफी मुश्किल हो गया है। जोशीमठ के 700 से ज्यादा घरों में दरारे पड़ चुकी है। कई सारे इतने घर है जिनको रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया गया है और उनको गिराने का आदेश भी दिया गया है। जोशीमठ को लगातार खाली कराया जा रहा है और लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है। अभी तक 100 से ज्यादा परिवारों को जोशीमठ से निकालकर कैंप में पहुंचाया जा चुका है।
वहीं आज से जोशीमठ में असुरक्षित भवनों पर बुल्डोजर चलने वाला है लेकिन उससे पहले लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है जोशीमठ के लोग सड़कों पर बैठकर मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है। वहीं अब जोशीमठ का सर्वे करके लौटे आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजीव सिन्हा जो एक भू-वैज्ञानिक भी है ने कहा कि, "जोशीमठ को दोबारा बसाने की कोशिश खतरनाक है क्योंकि ये स्लाइडिंग जोन में है।"
उनका मानना है कि अगर भविष्य में कभी जोशीमठ को बसाने की कोशिश की गई तो वो बेहद खतरनाक हो सकता है और यहां के पत्थर भी काफी कमजोर हो चुकें है। बता दे, सरकार की तरफ से जोशीमठ का सर्वे करने के लिए एक टीम गठित की गई थी जिसने अपना सर्वे का काम पूरा कर लिया है अब ये टीम अपनी रिपोर्ट को सरकार के हवाले करेगी।
फिलहाल जोशीमठ में मौसम भी खराब हो गया है ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बारिश के चलते जोशीमठ का मौसम खराब हुआ है। जिसके कारण असुरक्षित भवनों को गिराने का काम रुका हुआ है। जोशीमठ में सबसे पहले 'माउंट व्यू' और 'मालारी इन' होटलों को गिराया जाएगा क्योंकि इन दोनों होटलों में काफी बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी है और ये दोनों होटल पीछे की तरफ झुकने भी लगे है।
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