दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने गुरुवार को एक SUV के चालक को जमानत दे दी है. जिसे 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में तीन UPSC छात्रों की मौत की खबर के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें गैर इरादतन हत्या के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. कथूरिया के वकील राकेश मल्होत्रा ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप पूरी तरह से काल्पनिक हैं और किसी भी आरोप का समर्थन करने के लिए कोई सामग्री नहीं है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसने कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के मामले में स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकल SUV चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप वापस ले लिया गया है. जांच अधिकारी IO ने अतिरिक्त सत्र ने जज राकेश कुमार को आरोप वापस ले लिया गया है. जांच अधिकारी (आईओ) ने अतिरिक्त सत्र जज राकेश कुमार को आरोप वापस लेने के फैसले की जानकारी दी. सत्र जज कुमार कार ड्राइवर मनुज कथूरिया को बुधवार को जमानत देने से मजिस्ट्रेट अदालत के इनकार के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रहे थे.
पुलिस ने उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीडियो के आधार पर गिरफ्तार किया था. जिसमें आरोपी अपने वाहन से बहुत तेज गति कोचिंग संस्थान के पास से गुजरता हुआ दिखाई दे रहा था और बाद में भवन का गेट क्षतिग्रस्त पाया गया था. कथूरिया की पत्नी शिमा ने कहा कि उनके पति दो मेहमानों को मेट्रो स्टेशन पर छोड़ने जा रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस उन पर दोष मढ़ने का प्रयाश कर रही है.
बुधवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अपराध की गंभीरता का हवाला देते हुए कथूरिया की जमानत खारिज कर दी थी और दलील को "इस स्तर पर अस्वीकार्य" माना था. यह फैसला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ द्वारा पुलिस जांच की आलोचना करने और ड्राइवर को गिरफ्तार करने के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाने के कुछ घंटों बाद आया. उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की, "दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? क्या वे अपना आपा खो चुके हैं? यह एक कवर-अप है या क्या?" First Updated : Thursday, 01 August 2024