लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यर्ताओं कथित रूप से रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी। इस मामलें स्वामी प्रसाद मौर्य सहित करीब 1 दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अब इस मामले को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा न्याय सबको मिलेगा सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरे न रहने पर भी मेरा नाम FIR में शामिल करना इससे साबित होता है कि यह दबाव में थाने में बैठकर मजबूरी में FIR लिखी गई है। महिलाओं और शूद्र समाज के सम्मान की बात करना, आपत्तिजनक टिप्पणी को हटाने की मांग करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
सरकार के दबाव में भले ही FIR लिख ली गई हो लेकिन न्यायालय से सबको न्याय मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि पहले तो मैं जानता था कि सारे अपराधी हैं जो धर्म का चादर ओढ़ कर बैठे है। लेकिन इन्होंने मेरी सुपारी देकर जनता को अपना असली चेहरा दिखा दिया है।
रामचरित मानस विवाद पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री योगी हैं जो एक संस्था से आए हैं। उसका अपना एक इतिहास रहा है। मैं रामचरितमानस और शूद्र पर सीधा पूछूंगा कि सदन में बताइए की शूद्र कौन-कौन हैं। ये हमारा और आपका सवाल नहीं है, ये धार्मिक लोगों का सवाल है।
ये है मामला
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रामचरित मानस की प्रतियां फाड़ने और जलाने के मामलें में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम भी शामिल है। इस मामले को सज्ञांन में लेते हुए पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। रामचरितमानस की प्रतियां को जलाने के आरोप में करीब 12 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया था।
5 लोगों को किया गया गिरफ्तार
आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में मौर्य को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जिसमें सतेंद्र कुशवाहा, यशपाल सिंह, देवेंद्र प्रताप यादव, सुरेश यादव और मो. सलीम को गिरफ्तार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार ऐशबाग निवासी, सतनाम सिंह लवी ने रामचरितमानस की प्रतियां को जलाने के मामलें में पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। First Updated : Monday, 30 January 2023