Arvind Kejriwal In Tihar Jail: दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 15 अप्रैल तक दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहेंगे. राउज एवेन्यू कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि केजरीवाल को तिहाड़ की जेल नंबर 2 में रखा गया है. यहां वह बैरक में अकेले रहेंगे. केजरीवाल यहां अकेले ही रहेंगे. जिसके तहत सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सभी सीसीटीवी कैमरों की भी फिर से जांच की गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश पर केजरीवाल को यहां कुछ चीजें भी मुहैया कराई जाएंगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में श्रीमद्भागवत, रामायण और एक अन्य पुस्तक दिए जाने की अर्जी लगाई थी, इसके अलावा उन्होंने डायबिटीज चेक करने का उपकरण, चश्मे, दवाइयां और डाइट की अनुमति भी मांगी थी. कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में केजरीवाल को ये सभी चीजें उपलब्ध कराने की अनुमति दे दी है. इसके अलावा कोर्ट ने जेल अधीक्षक को जेल मैनुअल के मुताबिक न्यायिक हिरासत के दौरान टेबल, कुर्सी, पेन और मांगी गए अन्य जरुरी चीजें भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
इन लोगों से मिल सकेंगे केजरीवाल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जेल प्रशासन को जिन 6 लोगों के नाम सौंपे हैं. इसमें केजरीवाल की पत्नी सुनीता, बेटा पुलकित, बेटी हर्षिता का नाम शामिल है. इनके अलावा संदीप पाठक, विभव और एक अन्य दोस्त का नाम शामिल है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ की जेल नंबर 2 में अकेले रहेंगे. जेल नंबर 2 में फिलहाल 600 कैदी हैं. इनमें से अधिकत्तर सजायाफ्ता ( दंड पाया हुआ) कैदी हैं. इस लिहाज से जेल नंबर 2 सुरक्षा के लिहाज से केजरीवाल के लिए सुरक्षित है. वहीं दिल्ली सीएम को तिहाड़ जेल का प्रिजनर एकाउंट भी दिया जाएगा, जिसमें केजरीवाल के परिवार के सदस्य पैसा जमा कर सकते हैं. इस पैसे से वह तिहाड जेल की कैंटीन से खाने-पीने और रोजमर्रा सामान खरीद सकते हैं.
जेल से सरकार चलाने की प्रक्रिया पर तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि, ''यह बेहद चुनौतीपूर्ण होगा. सीएम के साथ एक निजी स्टाफ होना चाहिए. अब तक, 16 जेल हैं और ऐसा कोई नहीं है'' इनमें से किसी में भी सुविधा है, जहां से मुख्यमंत्री पद चलाया जा सकता है. इसके लिए सभी नियमों को तोड़ना पड़ता है. कोई भी इतने सारे नियमों को तोड़ने की इजाजत नहीं देगा. सरकार चलाने का मतलब सिर्फ फाइलों पर हस्ताक्षर करना नहीं है. सरकार चलाते हैं, कैबिनेट की बैठकें बुलाई जाती हैं.
मंत्रियों से सलाह ली जाती है और बहुत सारे कर्मचारी होते हैं, एलजी के साथ बैठकें या टेलीफोन पर बातचीत होती है. जेल में टेलीफोन की सुविधा नहीं है. जनता समस्या निवारण के लिए मुख्यमंत्री से मिलने आती है उनकी शिकायतों के बारे में... जेल में सीएम कार्यालय बनाना असंभव है... जेल में कैदी हर दिन 5 मिनट के लिए अपने परिवार से बात कर सकते हैं और यह सब रिकॉर्ड किया जाता है.'' First Updated : Monday, 01 April 2024