महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक पर पूरे देश की नजर टिकी है। क्या महाराष्ट्र में सरकार बनाने का कोई नया फॉर्मूला तैयार हो गया है ऐसे भी कयास लग रहे हैं। खबर ये भी है कि शिवसेना के बागियों का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है। एकनाथ शिंदे का ये गुट अब बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है। इसको लेकर बातचीत अंदरखाने जारी है। बीजेपी और शिंदे गुट दोनों अपनी-अपनी शर्तों पर दोनों पक्षों की रजामंदी का इंतजार कर रहे हैं ताकि महाराष्ट्र में नई सरकार बन सके। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के कोटे से 18 कैबिनेट, 10 राज्यमंत्री समेत 28 मंत्री होंगे।
वहीं शिंदे कैम्प से 6 कैबिनेट और 6 राज्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। शुरुआत में 4 मंत्री पद रिक्त रखे जाएंगे। शिंदे कैम्प को डिप्टी सीएम के साथ कई मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। दरअसल महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक के बीच सरकार बनाने का जो फॉर्मूला तय हुआ है उसके अनुसार हर 6 विधायकों पर एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद दिया जा सकता है. हालांकि यह फॉर्मूला हर जगह लागू नहीं होगा। आगे इसमें संशोधन होते रहेंगे. लेकिन जो कुल मिलाकर जो फॉर्मूला तय हुआ है उसमें 6 विधायकों पर एक कैबिनेट राज्यमंत्री देने के स्थिति में निश्चित रूप से सबसे ज्यादा फायदे में बीजेपी रहेगी। क्योंकि बीजेपी के 106 विधायक हैं, जिसके कारण बीजेपी पास 28 मंत्री पद आएंगे।
बागी गुट की बात करें तो शिंदे कैम्प के पास इस वक्त 40 MLA हैं। ऐसे में उनके पास 6 कैबिनेट और 6 राज्यमंत्री आ सकते हैं। हालांकि सूत्रों की माने तो शुरुआत में चार मंत्रीपद रिक्त रखे जाएंगे जिसका मतलब है कि 2 मंत्रीपद बीजेपी कोटे से और बागी शिंदे गुट से रिक्त रह सकते हैं. जिसका मतलब है कि बागी गुट के पास 10 मंत्री पद रह सकता है और बीजेपी के 26 मंत्री पद रह सकता है। एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि जो निर्दलीय विधायक बागी गुट के साथ आए हैं बीजेपी उनको अपने कोटे से मंत्री बनाए। शिंदे गुट के साथ मौजूदा उद्धव सरकार के 8 मंत्री हैं।
शिंदे गुट चाहता है कि इनके लिए वही मंत्रालय चाहता है जो कि इन विधायकों के पास पहले से था। बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे ने इन मंत्रियों के विभाग छीनकर दूसरे विधायकों को सौंप दिया है। एकनाथ शिंदे गुट से जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता है उनमें एकनाथ शिंदे, दादा भुसे, गुलाबराव पाटिल, संदीपन भुमरे, उदय सामंत, शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तार, राजेन्द्र पाटिल येद्रावकर और बच्चू कडू शामिल हैं। कुछ नए नामों की भी चर्चा है जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता है उनमें दीपक केसरकर, प्रकाश आबिदकर, संजय रायमूलकर औस संजय शिरसाठ शामिल हैं। First Updated : Tuesday, 28 June 2022