Tamil Nadu Assembly Elections: BJP ने तैयार किया DMK को घेरने का प्लान, जल्द लॉन्च करेगी 3 भाषा में चुनावी कैंपेन
Tamil Nadu Assembly Elections: तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने डीएमके के खिलाफ अपनी रणनीति तेज कर दी है. पार्टी 1 मार्च से तीन भाषाओं में व्यापक चुनावी अभियान शुरू करने जा रही है, जिससे राज्य में पहले से चल रहे भाषा विवाद को नया मोड़ मिल सकता है.

Tamil Nadu Assembly Elections: तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सत्तारूढ़ डीएमके के खिलाफ रणनीति तेज कर दी है. केंद्र की तीन-भाषा नीति को लेकर राज्य में पहले से ही बहस छिड़ी हुई है, और अब भाजपा इस मुद्दे को प्रमुख चुनावी एजेंडा बनाने की तैयारी में है. पार्टी 1 मार्च से राज्य में व्यापक अभियान शुरू करने जा रही है, जिसमें तीन भाषाओं में प्रचार सामग्री का उपयोग किया जाएगा.
राज्य में भाषा नीति हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरई के कार्यकाल से ही तमिलनाडु केंद्र की त्रिभाषा नीति को स्वीकार करने से इनकार करता रहा है और केवल दो भाषाओं – तमिल और अंग्रेजी – को ही स्कूली शिक्षा में स्थान दिया गया है. भाजपा के इस नए अभियान ने डीएमके सरकार को घेरने के लिए नया मोर्चा खोल दिया है.
भाजपा का 'घर-घर त्रिभाषा' अभियान
तमिलनाडु भाजपा ने राज्य में तीन-भाषा नीति को बढ़ावा देने के लिए घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है. पार्टी का मानना है कि डीएमके इस नीति का विरोध करके संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है.
राज्य में भाजपा के इस कदम से डीएमके पर दबाव बढ़ गया है, जो लंबे समय से हिंदी भाषा को "थोपे" जाने के आरोपों के आधार पर त्रिभाषा नीति का विरोध कर रही है. भाजपा का कहना है कि यह अभियान जनता को सच बताने और त्रिभाषा नीति के फायदों को उजागर करने के लिए शुरू किया जा रहा है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान
भाजपा के इस अभियान से पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को पूरी तरह लागू नहीं करता, तब तक राज्य को समग्र शिक्षा योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता रोकी जा सकती है.
मंत्री ने डीएमके के विरोध को राजनीति से प्रेरित बताते हुए सवाल उठाया कि आखिर क्यों तमिलनाडु ही ऐसा राज्य है, जो इस नीति को स्वीकार नहीं कर रहा, जबकि देश के अन्य राज्यों ने इसे लागू कर दिया है.
मुख्यमंत्री स्टालिन का तीखा जवाब
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए शिक्षा मंत्री पर "ब्लैकमेल" करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तमिल जनता इस तरह के दबाव में आने वाली नहीं है और उनकी सरकार किसी भी कीमत पर त्रिभाषा नीति को स्वीकार नहीं करेगी.
डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाते हुए केंद्र सरकार पर तमिलनाडु को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने राज्य के छात्रों के लिए निर्धारित 2,000 करोड़ रुपये की राशि को अन्य राज्यों को भेज दिया.
डीएमके पर भाजपा का सीधा हमला
तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष जे. अन्नामलाई ने डीएमके पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी 1960 के दशक की पुरानी भाषा नीति से चिपकी हुई है, जो अब प्रासंगिक नहीं रही.
उन्होंने कहा, "आज दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन डीएमके तमिलनाडु के छात्रों को पिछड़ा बनाए रखना चाहती है. राज्य के कई निजी स्कूल पहले से ही सीबीएसई त्रिभाषा पाठ्यक्रम अपना चुके हैं, तो फिर सरकारी स्कूलों में यह नीति क्यों नहीं लागू हो सकती?"
भाजपा का दावा है कि त्रिभाषा नीति से तमिलनाडु के छात्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सकेंगे और अधिक अवसर प्राप्त कर पाएंगे. वहीं, डीएमके का कहना है कि यह नीति तमिल भाषा की अनदेखी करने का प्रयास है, जिसे राज्य की जनता स्वीकार नहीं करेगी.


