Telangana Budget 2023-24 : कू हरित हरम को मिला 1471 करोड़ का फंड

वन और पर्यावरण पर भी तेलंगाना सरकार का खासा फोकस है। तेलंगाना सरकार ने 2023-24 के बजट में वन विभाग और राज्य के प्रमुख कार्यक्रम हरित हरम के लिए 1,471 करोड़ रुपये आवंटित किए।

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तेलंगाना सरकार ने 2023-24 के लिए अपना आम बजट 6 फरवरी को पेश कर दिया। इस बजट में केसीआर की सरकार ने हर वर्ग और हर तबके का ख्याल रखा है। बजट में महिलाओं से लेकर पर्यावरण तक सभी की ओर एक समान ध्यान दिया गया है। वन और पर्यावरण पर भी तेलंगाना सरकार का खासा फोकस है। तेलंगाना सरकार ने 2023-24 के बजट में वन विभाग और राज्य के प्रमुख कार्यक्रम हरित हरम के लिए 1,471 करोड़ रुपये आवंटित किए। तेलंगाना के वित्त मंत्री टी हरीश राव ने विधानसभा में अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि “मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव मानते हैं कि पर्यावरण की रक्षा करना हर इंसान की जिम्मेदारी है।

उन्होंने बड़े पैमाने पर 'तेलंगानाकू हरिता हरम' की शुरुआत की।“ मंत्री ने बताया कि नए नगरपालिका और पंचायत अधिनियमों में ये अनिवार्य है कि नगर पालिकाओं और पंचायतों को अपने वार्षिक बजट का 10 प्रतिशत ग्रीन बजट आवंटित करना चाहिए और हरियाली का विकास करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय वन सर्वेक्षण की तरफ से तैयार भारत वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार, तेलंगाना के हरित आवरण में 7.70 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। जो 5.13 लाख एकड़ के बराबर है।

हरिता हरम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। यूएनओ ने हैदराबाद को दो बार विश्व का वृक्ष शहर के रूप में इंगित किया है। हैदराबाद पूरे देश में एकमात्र ऐसा शहर है जिसे ये सम्मान मिला है। उन्होंने काह कि दक्षिण कोरिया में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ हॉर्टिकल्चरल प्रोड्यूसर्स ने हैदराबाद को 'वर्ल्ड ग्रीन सिटी अवार्ड-2022' से सम्मानित किया है। 2023-24 के लिए राज्य के बजट में तेलंगाना कु हरिता हरम के प्रमुख कार्यक्रम के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 600 करोड़ रुपये अधिक की वृद्धि की गई है।

हरीश राव ने कहा कि टीएचएच को जन आंदोलन बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 'हरिथा निधि' को अनोखे तरीके से पेश किया है। हरित निधि के लिए जनप्रतिनिधियों, सरकारी कर्मचारियों, विभागों, छात्रों और अन्य लोगों से दान प्राप्त होता है। वनीकरण के प्रयासों से 1,500 करोड़ रुपये खर्च करके 13 लाख एकड़ वन भूमि का कायाकल्प किया गया है। वनों की सुरक्षा के लिए 11,000 किलोमीटर लंबी बाड़ें लगाई गई हैं। वन संरक्षण के प्रयासों से जंगली जानवरों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। तेलंगाना में बाघों की संख्या बढ़कर 26 हो गई वहीं तेंदुओं की संख्या 341 हो गई। विलुप्त हो रही पक्षियों की प्रजातियां फिर से अपना जगह बनाना शुरू कर दिया है। First Updated : Thursday, 09 February 2023