तेलंगाना सरकार का आज 2.90 लाख करोड़ रुपये का बजट हुआ पेश
सोमवार 6 फरवरी को तेलंगाना के वित्तमंत्री हरीश राव ने राज्य का बजट 2023-24 विधानसभा में पेश किया। सरकार ने 2023-24 के लिए 2,90,396 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया।
सोमवार 6 फरवरी को तेलंगाना के वित्तमंत्री हरीश राव ने राज्य का बजट 2023-24 विधानसभा में पेश किया। सरकार ने 2023-24 के लिए 2,90,396 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया। सीएम केसीआर की महत्वाकांक्षी दलित बंधु योजना के लिए 17,700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस योजना के तहत हर एक लाभार्थी को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाती है। इससे लाभार्थी अपनी पसंद का कारोबार करने को स्वतंत्र है। बजट में अनुसूचित जाति के लिए विशेष विकास कोष के रूप में 36,750 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव किया गया है।
वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को 12,161 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री राव ने आंकड़े उपलब्ध कराते हुए कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में तेलंगाना की हिस्सेदारी 2020-21 में बढ़कर 4.89 प्रतिशत हो गई है, जो 2014-15 में 4.1 प्रतिशत थी। राव ने कहा कि तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 2013-14 के 1,12,162 रुपये से बढ़कर 2022-23 में 3,17,115 रुपये होने का अनुमान है। ये राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1,70,620 रुपये से 86 प्रतिशत अधिक है।
बजट में राजस्व व्यय के लिए 2,11,685 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय के लिए 37,525 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। आसरा पेंशन के लिए 12,000 करोड़ रुपये, यूनीवर्सिटीज में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 500 करोड़ रुपये, नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास के लिए 11,372 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। वित्त मंत्री हरीश राव ने कहा कि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय की तुलना में, तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 1,46,495 रुपये अधिक है। यह साफ तौर पर तेलंगाना के महत्वपूर्ण विकास का संकेत है। उन्होंने बाधाओं के बाद बाधाएं पैदा करने के लिए केंद्र सरकार को भी दोषी ठहराया।
केंद्र ने वित्त आयोग के अनुदान में तेलंगाना को अपने हिस्से से वंचित कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि अनुदान से इनकार करके तेलंगाना के साथ घोर अन्याय किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती खपत और निवेश के स्तर के साथ जीएसडीपी की वृद्धि उच्च विकास के लिए तैयार है जबकि दुनिया भर में मंदी की आशंका के बावजूद विकास को खतरा है। राव ने कहा कि तेलंगाना ने साढ़े आठ साल के कम समय के भीतर महत्वपूर्ण ग्रोथ हासिल किया है।
उन्होंने दावा किया कि कल्याण और विकास दोनों में तेलंगाना पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल है। उन्होंने कहा, आर्थिक मंदी और कोरोना महामारी से उपजी समस्याओं के बावजूद, तेलंगाना उनके प्रतिकूल प्रभावों को झेलने में सफल रहा है और एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है। केवल तेलंगाना सरकार ही अपनी इकोनॉमी का कुशलता से प्रबंधन करने और बड़े पैमाने पर कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करने में सक्षम रही है।