तेलंगाना टनल हादसे के 1 महीने बाद मिला दूसरा शव, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में एसएलबीसी टनल हादसे के एक महीने बाद रेस्क्यू टीम को दूसरा शव बरामद हुआ है, हालांकि इसे अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है. यह हादसा 22 फरवरी को हुआ था, जब सुरंग का एक हिस्सा ढहने से कुल आठ लोग फंस गए थे.

Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में एसएलबीसी टनल हादसे के एक महीने बाद रेस्क्यू टीम को एक और शव मिला है. यह दूसरा शव है जिसे बचाव दल ने खोजा है, लेकिन अभी तक इसे निकाला नहीं जा सका है. यह हादसा 22 फरवरी को हुआ था, जब सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिसमें कुल आठ लोग फंस गए थे.
इस दुर्घटना में फंसे लोगों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया. 9 मार्च को रेस्क्यू टीम ने टीबीएम ऑपरेटर गुरप्रीत सिंह का शव बरामद कर उनके परिवार को सौंप दिया था. अब, एक और शव मिलने से बचाव अभियान को और तेज किया जा रहा है.
700 से अधिक लोग बचाव कार्य में जुटे
इस हादसे के बाद से 25 सरकारी, केंद्रीय और निजी एजेंसियों की लगभग 700 लोगों की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है. हालांकि, अब तक फंसे हुए सभी आठ लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है.
तेलंगाना CM ने दिए तेजी लाने के निर्देश
सोमवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने का निर्देश दिया. उन्होंने इस मिशन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेने को कहा है. इसके अलावा, उन्होंने आईएएस अधिकारी शिवशंकर लोथेती को इस अभियान की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही हैं मुश्किलें
टीमों ने मुख्यमंत्री को बताया कि टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए मिट्टी, पत्थर और मलबा हटाने का कार्य जारी है. सुरंग में फंसी टनल बोरिंग मशीन (TBM) के क्षतिग्रस्त हिस्सों को भी हटाया जा रहा है. इसके अलावा, इलाके में पानी भर जाने के कारण डेवाटरिंग प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है.
टनल के 30 मीटर हिस्से को बताया गया खतरनाक
अधिकारियों ने बताया कि टनल के लगभग 30 मीटर हिस्से को बेहद खतरनाक माना जा रहा है. इसी कारण राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा की गई वैज्ञानिक जांच के आधार पर बचाव कार्य किया जा रहा है. अधिकारियों ने इस पूरे बचाव अभियान की स्थिति को समझाने के लिए पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन भी दिया. इसमें हादसे के दिन टनल के अंदर की स्थिति और मौजूदा हालात के बारे में जानकारी दी गई.