हरियाणा के सबसे बड़े PGIMS रोहतक में डॉक्टर्स अपने इलाज से उत्तर भारत में सबसे उच्च मेडिकल संस्थानों में गिना जाता है। रोहतक पीजीआईएमएस में इलाज के लिए आसपास के जिलों से भी यहां मरीज ही नहीं आते है वहीं दूसरे राज्यों से भी इलाज के लिए यहां मरीज पहुंचते है। रोहतक पीजीआईएमएस के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर्स रूसी तकनीक से सड़क दुर्घटना में ग्रस्त मरीजों की टूटी हड्डीयों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। वहीं पीजीआई में रूसी तकनीक से टूटी हड्डियों के 100 मरीजों का सफल ईलाज किया जा चुका है। हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि रूसी तकनीक से मरीजों के टूटी हड्डियों को जोड़ने के लिए न प्लास्टर,न प्लास्टिक सर्जरी अगले ही दिन मरीज चल फिर सकता है।
डॉक्टर जितेंद्र वाधवानी एसोसिएट प्रोफेसर हड्डी रोग विभाग ने बताया कि पीजीआई रोहतक उत्तर भारत में उच्च स्तरीय मेडिकल संस्थान है जहां पर मुफ्त मरीजों का इलाज किया जाता है। हड्डी रोग विभाग में रूसी तकनीक से टूटी हड्डियों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। इस तकनीक से बिल्कुल सही इलाज कर मरीजों को ठीक किया जा रहा है। रूसी तकनीक भारत में देरी से आई मगर पीजीआई में पांच साल से रूसी तकनीक से इलाज किया जा रहा है। इस तकनीक में एक्सीडेंट में मरीजों को हड्डी इतनी टूट जाती है वह सड़क पर गिर जाती है। बाहर इलाज काफी मंहगा होता है जबकि पीजीआई में आयुष्मान भारत योजना के तहत भी इलाज होता है। इस रूसी तकनीक से मरीज का ऑपरेशन होने के बाद अगले दिन ही चलने फिरने लग जाता है। जबकि सिर्फ मरीज को यह रिंग लगाए रहना पड़ता है
मरीज की जितनी एक सेंटिमीटर हड्डी टूट जाती है उसे जुड़ने में दो तीन महीने लग जाते है। यह बहुत ही अच्छी तकनीक है इसका पीजीआई में बहुत ही अच्छे इलाज किया बिना पैर काटे और बिना प्लास्टिक सर्जरी इलाज संभव है। वहीं मरीजों ने बताया कि उनके एक्सीडेंट में हड्डी टूट गई थी दूसरे हॉस्पिटल में डॉक्टर पैर काटने और प्लास्टिक सर्जरी करने की बात करते है प्राइवेट में इलाज भी बहुत मंहगा होता है। यहां पीजीआई में सही ऑपरेशन किया है। यहां पर मुफ्त इलाज किया जाता है। First Updated : Saturday, 03 September 2022