नगर निगम ने ली मोरबी पुल हादसे की जिम्मेदारी, कहा- पुल नही खोलना चाहिए था

इससे पहले पुल हादसे की जिम्मेदारी मोरबी नगर निगम ने ले ली है। नगर निगम का कहना है कि, पुल को नहीं खोलना चाहिए था इसको लेकर नगर निगम ने बुधवार को ही हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कराया था।

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गुजरात, मोरबी: 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में एक केबल पुल टूटने से लगभग 135 लोगों की जान चली गई थी। इस भायनक हादसे में कई लोगों के घर उजड़ गए थे इस बड़ी घटना से पूरा देश दहल उठा था। बता दे, यह पुल करीब 150 साल पुराना है और इसकी मरम्मत के 5 बाद ही इस पुल को प्रयटकों के लिए खोल दिया गया था।

जिसके बाद पुल मैनेजमेंट और मोरबी नगर निगम पर इस घटना को लेकर काफी सवाल उठने लगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात हाईकोर्ट ने 24 नवंबर को मोरबी नगर निगम के प्रमुख को तलब किया है। इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।

बता दे, इससे पहले पुल हादसे की जिम्मेदारी मोरबी नगर निगम ने ले ली है। नगर निगम का कहना है कि, "पुल को नहीं खोलना चाहिए था" इसको लेकर नगर निगम ने बुधवार को ही हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कराया था। हाई कोर्ट ने मोरबी नगरपालिका को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि, जब पुल गंभीर स्थिति में था और मरम्मत से पहले भी इसको 7 मार्च 2022 को कैसे खोल दिया गया।

वहीं बुधवार को हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि, अगर मोरबी नगरपालिका की तरफ से कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया गया। तो उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जिसके बाद शाम को ही नगरपालिका ने कोर्ट में हलफनामा दाखइल कराया। बता दे, मोरबी पुल के रख रखाव का काम अहमदाबाद का ओरेवा ग्रुप कर रहा था।

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