उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरगना माफियाओं और बदमाशों को लेकर काफी सख्त हैं। इसका ताजा उदाहरण अतीक अहमद के ऊपर कार्रवाई को लेकर देखा जा सकता है। जिस अतीक अहमद के खिलाफ कोई आम व्यक्ति बोलने से डरता था उसी अतीक अहमद को मंगलवार को प्रयागराज कोर्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यह सजा उसे 16साल पहले एक मामले में सुनाई गई। यह वह मामला है जिसमें अतीक और उसके गुर्गों अपहरण कर उसे जान से मारने की धमकी देते थे।
यह मामला 2007 का है जब प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार थी उस दौरान बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में अतीक अहमद और उसके साथियों का हाथ होना पाया गया था। इस हत्या के चश्मदीद गवाह उमेश पाल थे। उमेश पाल को गवाही से पलटने के लिए अतीक अहमद और उसके गुर्गों का लगातार दबाव पड़ रहा था लेकिन उमेश पाल अपनी गवाही को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं थे। इसका नतीजा यह हुआ कि अतीक के साथियों ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया और उनके साथ मारपीट करते हुए उन पर गवाही न देने का जबरन दबाव बनाया।
मजे की बात है कि इस मामले में उमेश पाल थोड़ा नरम पर पड़ गए और इसका सीधा असर राजू पाल हत्याकांड केस पर पड़ा। प्रदेश में 2007में मायावती सरकार आने के बाद इस केस में नया मोड़ आया। उमेश पाल दोबारा अतीक के खिलाफ गवाही देने को तैयार हो गए और उन्होंने बहादुरी से आगे भी इस निर्णय को कायम रखा। लेकिन अभी भी अतीक अहमद की नजर उमेश पाल पर रही। वह लगातार उन पर दबाव बनाता रहा हर हथकंडे अपनाने की कोशिश की जिससे उमेश पाल अपनी गवाही से मुकर जाए लेकिन उमेश पाल अपने निर्णय पर अडिग रहे।
इस मामले में उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा उनकी हत्या का आरोप भी अतीक उनके बेटे और उनके कैंट पर लगा। पिछले 40साल के आपराधिक इतिहास में अतीक अहमद पर 100केस दर्ज हुए लेकिन उसमें किसी भी मामले में उसे सजा नहीं मिली। मंगलवार को उमेश पाल अपहरण केस में प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में साबरमती जेल से प्रयागराज पहुंचे अतीक और उसके दो साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
उत्तर प्रदेश में यह पहला मामला नहीं है जब किसी बदमाश के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हुई हो। अदालती कार्रवाई से पहले ही अतीक और उसके साथियों के खिलाफ प्रदेश सरकार ने एक विशेष अभियान चलाया जिसके तहत उसकी बेनामी संपत्ति तोड़ने के साथ कई बदमाशों का एनकाउंटर भी किया गया। इससे अधिक और उसके गिरोह, उनके सभी साथियों को प्रयागराज छोड़कर भागना पड़ा। बताया जा रहा है कि अतीक अहमद और उनके साथी प्रदेश छोड़कर अनजानी जगह पर फरार हो गए। बदमाशों के खिलाफ छेड़े गए अभियान से यह साबित होता है कि प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार बदमाशों को लेकर कितनी सख्त है। आने वाले समय में अतिक्रमण और उसके विरोध के साथ प्रदेश सरकार बड़ी सख्ती से पेश आने वाली है।
अतीक अहमद ही नहीं इसके अलावा पूरे प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ भाजपा सरकार कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियों को जप्त कर रही है। यही नहीं बेनामी संपत्ति को गिराने के लिए उन पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। इसके पीछे प्रदेश सरकार की स्पष्ट मंशा है कि वह किसी भी प्रकार यहां माफियाओं और बदमाशों को पनपने नहीं देना चाहती है।
भाजपा का साफ कहना है कि वह अपराध मुक्त समाज बनाने में विश्वास रखती है और वह किसी भी प्रकार के आतंक और बदमाशी से प्रदेश को मुक्त रखना चाहती है। ऐसा माहौल बनने के बाद ही यहां पर औद्योगिक विकास रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। इसके पहले प्रदेश की पहचान बीमारू राज्य के रूप में थी जहां अपराध और माफिया सिर चढ़कर बोलते थे। पिछले 6 सालों में भाजपा सरकार के आने के बाद यहां लगातार बदमाशों और माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसकी वजह से यहां की आम जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। आने वाले समय में प्रदेश की कानून व्यवस्था को देखते हुए यहां पर लाखों करोड़ों रुपये के निवेश आएंगे और इससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। First Updated : Thursday, 30 March 2023