Prayagraj: गऊ घाट आश्रम के पास एक चोर ने राधा कृष्ण की अष्टधातु की मूर्तियां चुराने के बाद उन्हें लौटाते हुए एक दिलचस्प माफ़ीनामा लिखा है. दरअसल प्रयागराज के गऊ घाट आश्रम में स्थित मंदिर से 23 सितंबर को राधा कृष्ण की बहुमूल्य मूर्तियां चोरी हो गई थीं. मंदिर के पुजारी महंत स्वामी जयराम दास महाराज ने चोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. मंगलवार शाम कुछ स्थानीय लोगों ने एक संदिग्ध व्यक्ति को मंदिर के पास एक बोरी छोड़ते देखा. जब उन्होंने बोरी खोली, तो उसमें राधा कृष्ण की मूर्तियां और एक पत्र मिला.
चोर का पछतावा
पत्र में चोर ने लिखा, 'मैंने पाप किया और अज्ञानतावश भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियां चुरा लीं. चोरी करने के बाद से मुझे बुरे सपने आ रहे हैं और मैं सो नहीं पा रहा हूं. मेरा बेटा और पत्नी गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं क्योंकि मैंने यह सब कुछ पैसों के लिए किया था.' चोर ने अपनी गलती के लिए देवताओं और मंदिर के पुजारी से माफी मांगी.
मूर्तियों की वापसी
चोर ने बताया कि उसने मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ की लेकिन इसके बाद उसे लगा कि उसे यह सब लौटाना ही होगा. 'मैं बुरे सपनों से तंग आ गया हूं और आपकी 'अमानत' लौटा रहा हूं,' उसने पत्र में लिखा. मूर्तियों को डबल लेयर में पैक करके गऊ घाट लिंक मार्क रोड के पास छोड़ दिया गया.
महंत की प्रतिक्रिया
महंत ने मूर्तियों की पहचान की और उनका जलाभिषेक करने के बाद पूजा की. पुलिस ने बताया कि चोर की यह हरकत और उसके बाद की माफी ने सबको चौंका दिया है. यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है बल्कि एक ऐसे इंसान की मनःस्थिति को भी उजागर करता है, जो अपने किए पर पछता रहा है.
सीख और संदेश
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि आध्यात्मिकता केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के अनेक पहलुओं में आस्था और विश्वास का भी महत्व है. जब व्यक्ति अपने कर्मों का फल भुगतता है तब उसे अपने किए पर पछतावा होता है, जैसे कि इस चोर ने अनुभव किया.
अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले की जांच में क्या कदम उठाती है और क्या वह चोर को पहचान पाती है. प्रयागराज के इस मंदिर की यह घटना हम सभी के लिए एक सीख है कि जब भी हम गलत करते हैं, उसका परिणाम हमें भोगना पड़ता है. यही वजह है कि ईश्वर की राह पर चलना और सच्चाई का पालन करना हमेशा बेहतर होता है. First Updated : Thursday, 03 October 2024