महाराष्ट्र के मस्जिद, दरगाह और चर्च पर होगा सरकारी नियंत्रण, क्या स्पीकर की सलाह मानेंगे फडणवीस
महाराष्ट्र के धार्मिक स्थलों पर फणडवीस सरकार का नियंत्रण हो सकता है. इसमें मंदिर के साथ-साथ मस्जिद और चर्च भी शामिल हैं. दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुझाव दिया कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार अन्य धर्मों पर भी महाराष्ट्र प्रसिद्ध स्वयंभू सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट विधेयक की तरह, दूसरे धर्मों में भी ऐसे ही सिद्धांत लागू करने पर सरकार को विचार करने को कहा है.
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार अब सक्रिय हो गई है. सरकार ने मंगलवार को प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया. इस विधेयक पर चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुझाव दिया कि संविधान के तहत दूसरे धर्मों के धार्मिक स्थलों पर भी इसी तरह के प्रावधान लागू किए जा सकते हैं. अगर सरकार इस सुझाव को मानती है, तो महाराष्ट्र में मंदिरों की तरह मस्जिद और चर्च भी राज्य सरकार के नियंत्रण में आ सकते हैं.
वर्तमान में मस्जिद और चर्च का प्रबंधन संबंधित धर्म के लोग करते हैं, जैसे मस्जिद का प्रबंधन मस्जिद कमेटी या वक्फ बोर्ड करता है, और चर्च का प्रबंधन ईसाई समुदाय के लोग करते हैं.
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का कार्यकाल बढ़ाया
फडणवीस सरकार ने सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का कार्यकाल 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया है. इसके साथ ही मंदिर के श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और ट्रस्ट के प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ संशोधन किए गए हैं. इस विधेयक में एक अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और 15 सदस्यीय समिति का गठन करने का प्रावधान भी है.
स्पीकर ने क्या कहा?
विधेयक पर चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने यह सुझाव दिया कि राज्य सरकार को अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर भी सरकारी नियंत्रण पर विचार करना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि जब मंदिरों का प्रबंधन सरकार ले सकती है, तो मस्जिद और चर्च का प्रबंधन भी सरकार के हाथ में क्यों नहीं हो सकता.
इस पर फडणवीस सरकार के कैबिनेट मंत्री जयकुमार रावल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और इस पर विचार करने का आश्वासन दिया. इस कदम से साफ है कि सरकार भविष्य में मस्जिद, दरगाह, और चर्च के प्रबंधन पर भी विचार कर सकती है.