गजनी जैसा जांघ! पहले ही गुदवा रखे थे 22 दुश्मनों के नाम, लाश ने खोले राज
मुंबई के वर्ली क्षेत्र में एक स्पा में हिस्ट्रीशीटर की हत्या के सिलसिले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि उसकी जांघों पर 22 नाम गुदे हुए थे और एक घोषणापत्र था कि अगर उसे कुछ हुआ तो उसके लिए वे जिम्मेदारी होंगे.
आपको याद होगा बीते कुछ दिन पहले एक फिल्म आई थी, गजनी जिसमें अमीर खान हीरो थे और उनको भूलने की बीमारी थी इसी के चलते इस कारण वे अपने दुश्मनों के नाम गुदवा रखे थे लेकिन इसी से मिलती जुलती एक कहानी मुंबई से सामने आई है. इस कहानी में एक शख्स ने अपनी जांघ पर 22 दुश्मनों के नाम गुदवा रखे थे इन्हीं नामों के साथ ही रोज़ाना जीता-मरता था और कमाल देखिए कि जब उसका क़त्ल हुआ, तो उसके जिस्म पर लिखे इन नामों में उसके क़ातिल का नाम छठे नंबर पर था.
मुंबई के वर्ली क्षेत्र में एक स्पा में हिस्ट्रीशीटर की हत्या के सिलसिले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि उसकी जांघों पर 22 नाम गुदे हुए थे और एक घोषणापत्र था कि अगर उसे कुछ हुआ तो उसके लिए वे जिम्मेदारी होंगे. इसमें दिलचस्प बात यह है कि इनमें से एक नाम स्पा मालिक संतोष शेरेकर का था जो बीते दिन को वाघमारे की हत्या के लिए गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से एक था.
स्पा मालिक ने करवाई हत्या
इस मामले पर पुलिस का कहना है कि मृतक स्पा मालिक को वाघमारे काफी समय से ब्लैकमेल कर रहा था. इसमें निराश होकर उनसे बीते दो महीने पहले हत्या की साजिश रची थी. खबरों के मुताबिक वाघमारे को खत्म करने के पिछले कई प्रयास विफल रहे थे। बता दें कि अपनी लाइफ स्टाइल के कारण वाघमारे को चुलबुल पांडे के नाम से भी जाना जाता था.
कौन है 3 आरोपी
शेरेकर के अलावा दो अन्य कथित हमलावारों की पहचान 26 वर्षीय मोहम्मद फिरोज अंसारी और 28 वर्षीय शाकिब अंसारी के रुप में हुई है. अपराध शाखा ने राजस्थान के कोटा से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया जो हत्या के वक्त आरोपियों के संपर्क में थे.
टैटू पर 22 दुश्मनों के नाम लिखवाने वाले का मर्डर
प्रारंभिक जांच के मुताबिक पता चला कि वाघमारे को खत्म करने के लिए कई साजिशें नाकाम हो गई थीं. पहले 17 जुलाई को उसके जन्मदिन पर उसे मारने की षड्यंत्र बनाई थी. लेकिन यह सफल नहीं हुआ. बीते 23 जुलाई को वह अभी भी अपना जन्मदिन मना रहा था. इसी का फायदा हत्यारों ने उठाया. उस दिन मृतक वाघमारे पहले सायन इलाके में था और नशे में था. हत्यारे उसे वहीं खत्म करने वाले थे लेकिन वहां मौका नहीं मिला.