ऐसे मनाया जाता है पंजाब में होली का त्यौहार, जानिए वहां क्या होता है इस दिन ख़ास?

भारत में अलग - अलग राज्यों में अलग - अलग रूपों में होली के पवित्र त्यौहार को मनाया जाता है। अलग - अलग रस्मों और अलग - अलग प्रथाओं के साथ इस त्यौहार को मनाया जाता है। जैसा की आपको मालूम है की होली के पीछे की कथा भक्त प्रहलाद और होलिका की कहानी के स्वरूप में मनाई जाती है

भारत में अलग - अलग राज्यों में अलग - अलग रूपों में होली के पवित्र त्यौहार को मनाया जाता है। अलग - अलग रस्मों और अलग - अलग प्रथाओं के साथ इस त्यौहार को मनाया जाता है। जैसा की आपको मालूम है की होली के पीछे की कथा भक्त प्रहलाद और होलिका की कहानी के स्वरूप में मनाई जाती है। लेकिन उत्तरी भारत के राज्य पंजाब में उनकी इस त्यौहार के पीछे की अपनी अलग ही कथा है। पंजाब में होली के इस त्यौहार को भक्त प्रहलाद होलिका की कहानी के अनुसार नहीं बल्कि वहां इस त्यौहार को 'गुरु गोबिंद सिंह जी' (1666-1708) से जोड़ा जाता है। इन्हीं के समय से इस त्यौहार की शुरुआत की गयी थी। होली के इस त्यौहार को पंजाब में 'होला मोहल्ला' के रूप में मनाया जाता है। ऐसी ही कुछ और जानकारी के लिए आइये जानते हैं पंजाब की होली के बारे में.........

जानिए क्या है 'होला मोहल्ला'........

यह त्यौहार पंजाब के आंनदपुर साहिब में छः दिनों तक बड़ी ही धूम - धाम से मनाया जाता है। माना जाता है की यह परम्परा 'गुरु गोविन्द सिंह जी' के समय से चली आ रही है। हुआ यह था की इन्होंने चेत वाडी पर आनंदपुर में पहला जुलुस आयोजित किया था। निनोहग्रा की बहुत लड़ाई के बाद शाही शक्ति के विरुद्ध एक संघर्ष को रोकने के लिए इस परम्परा को शुरू किया गया था। निनोहग्रा का यह युद्ध 1700 में घटा था।

पंजाब का यह 'होला मोहल्ला' शब्द का वास्तविक अर्थ होता है 'युद्ध - कौशल का अभ्यास', इस तत्यौहार के अवसर पर पंजाब के सभी लोग हाथ में निशान साहब उठाकर तलवारों के साथ करतब करते हैं और अपनी ख़ुशी का प्रदर्शन करते हैं। जैसा की आपको मालूम है की होली एक दिन पहले ही खेली जाती है और अगला दिन रंगो से खेला जाता है। लेकिन पंजाब में यह त्यौहार 'होला मोहल्ला' छः दिनों तक मनाया जाता है।

जानिए कैसे मनाया जाता है पंजाब में ' होला मोहल्ला' का पवित्र त्यौहार

भारत में जैसे अन्य राज्यों में बच्चे से लेकर बड़ों तक एक दूसरे पर रंग डालकर होली मनाते हैं, उससे थोड़ा अलग ही ढंग से पंजाब में इस 'होला मोहल्ला' त्यौहार को मनाया जाता है। इस दिन रंग को सम्मान के रूप में बुजुर्गों के पैरों पर रखा जाता है फिर बुजुर्ग सामने वाले व्यक्ति युवाओं के चेहरे पर आशीर्वाद के रूप में रंग को डालते हैं। यह परम्परा पंजाब के लुधियाना , पटियाला, चंडीगढ़ आदि बड़े - बड़े शहरों में बड़े दलों के साथ मिलकर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

इस दिन सभी परिवार वाले और दोस्त रिश्तेदार एक - दूसरे से गले मिलते हैं और शुभकामनायें भी देते हैं। इस दिन वहां छोटे से लेकर बड़ों तक सभी एक दूसरे पर पानी और रंगों के साथ डालकर खेलते हैं। छोटे बच्चे पानी से भरी पिचकारियों केऔर गुब्बारों को एक दूसरे पर फेंक कर होली मनाते हैं। इस दिन पंजाब में महिलाएं अपना नाचने - गाने और मौज मस्ती करने का कर्यक्रम मनाती है। इस दिन सभी लोग अपने अपने अनुसार इस दिन को खास बनाने की कोशिश करते हैं।

इस दिन बनाएं जाते हैं खूब सारे स्वादिष्ट पकवान

यदि हम बात करें पकवानों की तो इस दिन पंजाब के लोग प्रमुख रूप से गुंजिया, लड्डू, मालपुआ, मीठी पूरी आदि बेहतरीन और स्वादिष्ट पकवानो को तैयार किया जाता है और साथ ही खाने में अलग से व्यंजनों को भी बनाया जाता है। इस त्यौहार ने दुनियाभर में अपनी एक पहचान बनाई हुई है। इसके विभिन्न रीती - रिवाज़ इस त्यौहार को ख़ास बनाते हैं।

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01 March 2023, 01:39 PM IST

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