हद ही हो गई... अपनी बीमार मां को कमरे में किया बंद, फिर अपने परिवार के साथ निकल गया महाकुंभ
झारखंड के रामगढ़ जिले में एक बेटे ने अपनी बीमार मां को घर में बंद कर दिया और महाकुंभ में प्रयागराज चला गया. महिला को 4 दिन बाद पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने रेस्क्यू किया और अस्पताल में भर्ती कराया. महिला की बेटी ने बताया कि बेटे ने अपनी मां को अकेला छोड़ने से पहले खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं किया था.

झारखंड के रामगढ़ जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. जहां एक बेटे ने अपनी बीमार मां को घर में बंद कर दिया और महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज चला गया. पुलिस ने बुधवार को इस 65 साल की महिला को उसके घर से बाहर निकाला. महिला ने केवल चिवड़ा खाकर दिन काटे और उसके पड़ोसियों ने उसकी स्थिति को देखकर पुलिस को सूचना दी.
चार दिन बाद रेस्क्यू
रामगढ़ पुलिस ने बताया कि महिला को सोमवार से घर में बंद किया गया था. पड़ोसियों ने उसकी हालत देखी जब उसने भूख के कारण मदद के लिए आवाज लगाई. पुलिस को सूचना मिलने के बाद महिला को उसके घर से रेस्क्यू किया गया और इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.
पुलिस अधिकारी ने क्या बताया?
रामगढ़ के उप-डिवीजनल पुलिस ऑफिसर (SDPO) परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि महिला को उनके बेटे अखिलेश कुमार ने सीसीएल क्वार्टर में बंद कर दिया था. अखिलेश कुमार अपने परिवार के साथ महाकुंभ में भाग लेने के लिए प्रयागराज गया था. महिला को बुधवार को उनकी बेटी द्वारा सूचना मिलने के बाद बचाया गया. पुलिस ऑफिसर ने बताया कि अखिलेश कुमार सीसीएल का कर्मचारी है और वह शॉवेल ऑपरेटर के रूप में काम करता है.
महिला की बेटी ने बताई दर्दनाक कहानी
महिला की बेटी, चांदनी देवी, जो पांच किलोमीटर दूर काहुबेरा में रहती हैं, उन्होंने बताया कि उन्हें पड़ोसियों से फोन कॉल पर मां की स्थिति का पता चला. पुलिस ने ताला तोड़कर मेरी मां को बचाया और पड़ोसियों ने उसे खाना दिया. उसे दवाइयां भी दी गई और सीसीएल अस्पताल में भर्ती किया गया.
अखिलेश कुमार का नौकरी पर असर
चांदनी देवी ने बताया कि उनके भाई अखिलेश कुमार को सीसीएल में सहानुभूति के आधार पर नौकरी दी गई थी और वह रामगढ़ जिले के अर्गड़ा क्षेत्र में शॉवेल ऑपरेटर के तौर पर काम कर रहा है.