संवाददाता: विशाल पटेल (गांधीनगर, गुजरात )
राज्य सरकार के 18 हजार से अधिक पंचायत स्वास्थ्य कर्मियों और उनके परिवारों ने 20 तारीख को समस्या का समाधान होने तक भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। पिछले 38 दिनों से जारी यह हड़ताल खत्म नहीं होने के कारण अब राज्य सरकार के स्वास्थ्य कर्मियों ने उग्र और आक्रामक आंदोलन देने की धमकी दी है।
स्वास्थ्य कर्मियों के मुख्य 3 मुद्दों को लेकर सरकार कुछ नहीं करती है तो अब विधानसभा सचिवालय की घेराबंदी समेत स्वास्थ्य कर्मियों ने उग्र आंदोलन शुरू कर दिया है। जिसके लिए रणनीति भी तैयार कर ली गई है।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रंजीतसिंह मोरी ने कहा कि गुजरात सरकार बातचीत के जरिए स्वास्थ्य कर्मियों को सिर्फ लॉलीपॉप दे रही है, इतना ही नहीं अब अगर सरकार हमारे लिए आधिकारिक फैसला नहीं लेती है और जीआर या सर्कुलर जारी नहीं करती है। राज्य सरकार के तमाम स्वास्थ्यकर्मी सरकार के खिलाफ आक्रामक हो जाएंगे।
वहीं विभिन्न सरकार विरोधी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि आज सचिवालय घेराबंदी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसके लिए बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी गांधीनगर पहुंच चुके हैं। उसके बाद कल यानि 16 सितंबर को गांधीनगर में रैली का आयोजन किया गया है। वहीं 17 को स्वास्थ्य कर्मी अपने परिजनों के साथ रैली के साथ धरना देंगे। वहीं 19 तारीख को स्वास्थ्यकर्मी अपने परिवार सहित सचिवालय को घेरने की कोशिश करेंगे।
राज्य सरकार के पंचायत स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल को लेकर 30 अगस्त को हुई बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री जीतूभाई वघानी और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल की मौजूदगी में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ दो हिस्सों में बंट गया। राज्य सरकार की ओर से विशेष संवाददाता सम्मेलन में हड़ताल खत्म करने का आधिकारिक ऐलान किया गया। उधर, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कुछ सदस्यों ने सरकार की इस घोषणा का लिखित प्रस्ताव की मांग के साथ विरोध किया। नतीजा यह रहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल अफरा-तफरी में बदल गई। First Updated : Thursday, 15 September 2022