एक्ट्रेस कादंबरी जेठवानी को गिरफ्तार करने पर तीन IPS अधिकारियों पर गिरी गाज, किए गए सस्पेंड
Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश में एक्ट्रेस-मॉडल कादंबरी जेठवानी को गलत तरीके से गिरफ्तार करने और परेशान करने पर तीन आईपीएस अधिकारियों को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है उनमें खुफिया प्रमुख पी सीताराम अंजनेयुलु (डीजी रैंक), पूर्व विजयवाड़ा पुलिस आयुक्त क्रांति राणा टाटा (महानिरीक्षक रैंक) और पूर्व पुलिस उपायुक्त विशान गुन्नी (अधीक्षक रैंक) शामिल हैं.
Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है. राज्य सरकार ने एक महानिदेशक (डीजी) समेत आईपीएस के तीन सीनियर अधिकारियों को बिना उचित जांच किए मुंबई की एक्ट्रेस-मॉडल कादंबरी जेठवानी को गलत तरीके से गिरफ्तार करने और परेशान करने में कथित संलिप्तता के लिए सस्पेंड कर दिया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है उनमें खुफिया प्रमुख पी सीताराम अंजनेयुलु (डीजी रैंक), पूर्व विजयवाड़ा पुलिस आयुक्त क्रांति राणा टाटा (महानिरीक्षक रैंक) और पूर्व पुलिस उपायुक्त विशान गुन्नी (अधीक्षक रैंक) शामिल हैं. जांच में इस केस में इन तीनों अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई थी. इस हाई प्रोफाइल केस ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में जेठवानी ने एनटीआर पुलिस आयुक्त एसवी राजशेखर बाबू के समक्ष एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने अधिकारियों पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और फिल्म निर्माता केवीआर विद्यासागर के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया गया था, जिसने एक्ट्रेस के खिलाफ फरवरी में जिसने एक्ट्रेस के खिलाफ फरवरी में धोखाधड़ी और जबरन वसूली का केस किया था.
एक्ट्रेस ने शिकायत में लगाए ये आरोप
एक्ट्रेस ने अपनी शिकायत में आगे आरोप लगाया कि शीर्ष पुलिस अधिकारियों और विद्यासागर के साथ मिलकर उन्हें और उनके माता-पिता को प्रताड़ित किया और बिना किसी पूर्व नोटिस के उन्हें मुंबई से गिरफ्तार कर विजयवाड़ा ले आए. मुंबई की रहने वाली जेठवानी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें और उनके माता-पिता पर प्रताड़ना के झूठे आरोप लगाकर अवैध तरीके से गिरफ्तार कर लिया और उन्हें 40 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया.
जेठवानी के वकील ने क्या कहा?
इस बीच जेठवानी के वकील एन. श्रीनिवास ने आरोप लगाया कि विद्यासागर ने जेठवानी और उनके परिवार पर फंसाने के लिए जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किये और पुलिस ने कुछ दिनों तक उन्हें जमानत याचिका दाखिल करने की भी अनुमति नहीं दी.
अधिकारियों को सस्पेंड किए गए सरकारी आदेश में क्या?
दरअसल, अधिकारियों को निलंबित किए गए सरकारी आदेश में कहा गया है, 'रिपोर्ट पर सावधानीपूर्वक विचार करने और मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखने के बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि प्रथम दृष्टया जो साक्ष्य मौजूद हैं और उनके गंभीर कदाचार तथा कर्तव्य के प्रति लापरवाही के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही आवश्यक है.'
जांच में पता चला है कि अंजनेयुलु ने अन्य दो अधिकारियों को महिला को गिरफ्तार करने का निर्देश FIR दर्ज होने से पहले ही दे दिया था. एफआईआर 2 फरवरी को दर्ज की गई थी जबकि उनकी गिरफ्तारी के निर्देश कथित तौर पर 31 फरवरी को ही जारी कर दिए गए थे.