प्रधान की दबंगई से परेशान अलीगढ़ के वैश्य समाज, मकान बेचने और पलायन को हुए मजबूर, प्रशासन से लगाई गुहार
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के दांदो कस्बे में प्रधान की दबंगई के चलते वैश्य समाज परेशान है. प्रधान की दबंगई से वो इतने परेशान हो गए हैं कि वो अब कस्बा छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. समाज के लोगों ने अपने घरों पर 'यह मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगा दिए हैं. आइए जानते हैं मामला क्या है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के दांदो कस्बे में वैश्य समाज के लोग प्रधान की दबंगई से बेहद परेशान हैं. प्रधान की मनमानी और धमकियों के कारण वैश्य समाज ने अपने घरों पर "यह मकान बिकाऊ है" के पोस्टर लगा दिए हैं. वैश्य समाज के लोगों का आरोप है कि कस्बे के प्रधान ने उनकी पुरानी धर्मशाला का फर्जी बैनामा कराकर अपने नाम कर लिया है. वहीं जब उन्होंने इसका विरोध किया तो प्रधान ने उनके रास्ते बंद करने और कस्बे में न रहने देने की धमकी दी.
प्रधान की इन धमकियों और दबंगई के कारण वैश्य समाज के लोग अब अपने घर छोड़कर पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने प्रधान के खिलाफ जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
क्या है मामला?
वैश्य समाज के लोगों का आरोप है कि कस्बे के प्रधान राजकुमार यादव ने 1945 में उनके बुजुर्गों द्वारा बनाई गई. धर्मशाला का फर्जी बैनामा करा लिया है. इतना ही नहीं, प्रधान ने समाज के लोगों को कस्बे में न रहने देने की धमकी भी दी. पीड़ित संतोष माहेश्वरी ने बताया कि प्रधान ने जवाहरलाल नामक व्यक्ति से फर्जी तरीके से धर्मशाला का बैनामा अपने नाम करवा लिया. जब समाज के लोगों ने इसका विरोध किया, तो प्रधान ने उनके रास्ते बंद कर दिए और धमकियां दी.
धमकी और दबाव से मजबूर लोग
व्यापारी संजीव कुमार ने बताया कि प्रधान ने रास्ता बंद करने के साथ-साथ कहा, "तुम बनिए हो, यहां नहीं रह सकते." इस धमकी के बाद वैश्य समाज के लोगों ने अपने घर बेचने का निर्णय लिया और पलायन की तैयारी शुरू कर दी. मामला बढ़ने पर पुलिस क्षेत्राधिकारी और थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे. पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया और कहा कि प्रधान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
समाज की मांग
वैश्य समाज के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि उनके घरों के सामने बंद किए गए रास्तों को तुरंत खोला जाए और धर्मशाला के फर्जी बैनामे को रद्द किया जाए. अब देखना यह होगा कि पुलिस और प्रशासन किस तरह से न्याय दिलाने का काम करते हैं।