18 साल से कानून को धोखा दे थे आर्मी के दो पूर्व जवान, महिला और नवजात बच्चियों की हत्या में अब हुए गिरफ्तार

हत्या के तुरंत बाद कुमार और राजेश फरार हो गए और मार्च 2006 में सेना ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया. केरल हाईकोर्ट के आदेश पर 2010 में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया, लेकिन एजेंसी को भी कोई सफलता नहीं मिली थी.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

केरल के कोल्लम जिले के अंचल में 2006 में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी, जिसमें सेना के एक जवान और उसके साथी ने 34 साल की रंजीजनी और उसकी नवजात दो जुड़वा बेटियों का बेरहमी कत्ल कर दिया था. हत्या की वजह पैटरनिटी टेस्ट का डर था क्योंकि आरोपी को शक था कि वह लड़कियों का पिता हो सकता है. घटना के बाद दोनों आरोपी सेना से फरार हो गए और करीब 17 सालों तक कानून की नजरों से बचते रहे. हालांकि, अब वो पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला 10 फरवरी 2006 का है जब रंजीनी और उसकी जुड़वां बेटियों की हत्या उनके किराए के घर में कर दी गई थी. रंजीनी की मां जब पंचायती कार्यालय से अपनी पोतियों के जन्म प्रमाणपत्र लेकर वापस आईं तो उन्हें घर में सबके शव मिले. जांच के दौरान ये सामने आया कि भारतीय सेना में काम करने वाला आरोपी दिबिल कुमार उस समय रंजीनी के साथ रिश्ते में था. जुड़वां बच्चियों के जन्म के बाद कुमार ने रंजीनी से दूरी बनानी शुरू कर दी थी. इसके बाद रंजीनी ने केरल राज्य महिला आयोग से पैटरनिटी टेस्ट की मांग की थी. इस पर कुमार को गुस्सा आ गया और उसने रंजीनी और उसकी बेटियों की हत्या की साजिश रच डाली. अंचल निवासी 28 वर्षीय दिबिल कुमार बी पठानकोट में भारतीय सेना की 45 ए.डी. रेजिमेंट में सर्विस दे रहे थे.

दोस्त बनकर दिया था धोखा

रंजीनी और दो जुड़वां बच्चियों की हत्या की साजिश में राजेश पी नामक एक और सेना के जवान का हाथ था, जो कुमार के साथ उसी रेजिमेंट में था. राजेश ने रंजीनी और उसकी मां से दोस्ती की और ये विश्वास दिलाया कि वह कुमार को शादी के लिए मनाने में मदद करेगा. बाद में राजेश भी इस हत्या के योजना में शामिल हो गया और दोनों ने मिलकर रंजीनी और उसकी जुड़वां बेटियों का मर्डर कर दिया.

 

हत्या के बाद कुमार और राजेश मार्च 2006 में सेना से फरार हो गए थे और उन्हें डेजर्टर घोषित कर दिया गया था. हालांकि पुलिस और सीबीआई ने कई सालों तक इन दोनों की तलाश की, लेकिन वे इनकी पहचान और गिरफ्तारी में सफल नहीं हो पाए. 2010 में केरल हाई कोर्ट के आदेश पर मामला सीबीआई को सौंपा गया था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. हालांकि 19 साल बाद सीबीआई को जानकारी मिली कि कुमार और राजेश पुडुचेरी में नकली पहचान के साथ नए नामों पर रह रहे हैं और उन्होंने दो शिक्षिकाओं से शादी की है और उनके बच्चे भी हैं.  

सीबीआई ने की गिरफ्तारी

सीबीआई की चेन्नई यूनिट ने खुफिया जानकारी के आधार पर कुमार और राजेश की निगरानी शुरू की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. शुक्रवार  (3 जनवरी) को उन्हें कोच्चि लाया गया और शनिवार (4 जनवरी) को उन्हें एर्नाकुलम की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया. दोनों आरोपियों को 18 जनवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है और सीबीआई उनका रिमांड भी मांगने की योजना बना रही है.

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05 January 2025, 08:44 AM IST

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