बठिंडा यूनिवर्सिटी में छात्रों के दो गुट आपस में भिड़े, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बिहार के स्टूडेंट्स के लिए मांगी सुरक्षा
पंजाब के बठिंडा में स्थित गुरु काशी विश्वविद्यालय में दो छात्रों का गुट आपस में भिड़ गया, इसमें कुछ छात्र बिहार के बताए जा रहे हैं. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने पंजाब सरकार से छात्रों को सुरक्षा देने को कहा है. इस बीच जीकेयू ने छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया है. बता दें कि यूनिवर्सिटी में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए कलेक्ट किए गए धन को लेकर हिंसक झड़प हो गई.

पंजाब की बठिंडा यूनिवर्सिटी में बिहार के छात्रों के साथ मारपीट और हिंसक झड़प हो गई. इस घटना की बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने निंदा की है और साथ ही पंजाब सरकार से राज्य में छात्रों को सुरक्षा देने को कहा है. बता दें कि जीकेयू में 17, 18 और 19 मार्च को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. इसके लिए फंड इकट्ठा किया गया था, जिसको लेकर छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए.
यूनिवर्सिटी ने कानूनी कार्रवाई करने से किया इनकार
पुलिस को दिए लिखित बयान में बठिंडा स्थित गुरु काशी विश्वविद्यालय (जीकेयू) ने कहा कि हम घटना में शामिल छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं और आंतरिक अनुशासनात्मक कार्यवाही के जरिए मामले को संभालेंगे. वहीं बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने कहा कि मैंने इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा से बात की. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और संबंधित अधिकारी घटनाक्रम पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं.
आप सरकार पंजाब में गुंडागर्दी का गढ़
घटना पर टिप्पणी करते हुए चौधरी ने कहा कि जीकेयू में बिहार के छात्रों पर हमला करने की घटना बेहद निंदनीय है. मुझे पता चला है कि इस घटना में राज्य के कई युवक घायल हुए हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार के तहत पंजाब गुंडागर्दी का गढ़ बन गया है. पंजाब सरकार को बिहार के छात्रों को तत्काल सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
क्यों हुआ था झगड़ा?
दरअसल, जीकेयू में 17, 18 और 19 मार्च को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. छात्रों ने विभिन्न राज्यों की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए धन एकत्र किया था. बिहार के छात्रों ने भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में योगदान दिया था.
कलेक्ट किए गए फंड को लेकर दो गुटों के बीच विवाद हुआ, जिसके कारण कथित तौर पर हाथापाई हुई. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस को सूचित किया, जो स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए मौके पर पहुंची. पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया. हालांकि, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने पुलिस को एक लिखित बयान दिया जिसमें कहा गया कि वे कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं और आंतरिक अनुशासनात्मक कार्यवाही के माध्यम से मामले को संभालेंगे.