उद्धव को लग रहा सब कुछ छीन जाने का डर, क्या कार्यालय भी गंवा देगा उद्धव गुट?

जबसे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई है तबसे उद्धव गुट और शिंदे गुट में बाला साहेब ठाकरे की विरासत को लेकर जंग छिड़ी हुई है जिसमें अभी तक उद्धव ठाकरे को केवल निराशा ही हाथ लगी है। हाल ही में चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और पार्टी का सिंबल देने का फैसला सुनाया था।

Vishal Rana
Vishal Rana

जबसे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई है तबसे उद्धव गुट और शिंदे गुट में बाला साहेब ठाकरे की विरासत को लेकर जंग छिड़ी हुई है जिसमें अभी तक उद्धव ठाकरे को केवल निराशा ही हाथ लगी है।

हाल ही में चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और पार्टी का सिंबल देने का फैसला सुनाया था। जिसके बाद से उद्धव ठाकरे की रातों की नींद उड़ी हुई है अब उद्धव ठाकरे को अपनी सारी विरासत जाने का डर लग रहा है।

अब उद्धव को यह डर सता रहा है कि कहीं एकनाथ शिंदे बाला साहेब की संबंधित संपत्ति, फंड और शाखाओं के नेटवर्क पर दावा ना कर दें। इन सबके बीच उद्धव ठाकरे की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है जिसके बाद अब कोर्ट भी इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है। उद्धव गुट की इस याचिका पर अब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले मंगलवार को इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई की गई।

इस दौरान उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि, "पहले ही उद्धव गुट के कार्यालय पर कब्जा किया जा चुका है। अगर सुनवाई नहीं हुई तो उनके बैंक खाते भी छीन लिए जाएंगे। चुनाव आयोग का आदेश सिर्फ विधान सभा के 33 सदस्यों पर आधारित है।" जबसे शिवसेना का नाम और पार्टी का सिंबल एकनाथ शिंदे के पास गया है तबसे उद्धव गुट लगातार शिंदे सरकार पर हमला कर रहा है।

इसको लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा था कि, "भारतीय जनता पार्टी के तलवे चाटने के लिए शिवसेना पैदा नहीं हुई है और भाजपा लगातार शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रही है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।"

वहीं एकनाथ शिंदे का कहना है कि, "हम सिर्फ बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाना चाहते है। हमें पार्टी की संपत्ति और फंड का कोई लालच नहीं है।" वहीं उद्धव गुट की याचिका का शिंदे गुट ने विरोध किया है और कहा है कि इसमे कोई दम नहीं है इसलिए कोर्ट को इसको खारिज कर देना चाहिए।

calender
21 February 2023, 12:20 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो