उद्धव ठाकरे ने पहली सूची जारी की, 65 उम्मीदवारों के साथ एकनाथ शिंदे को दी चुनौती!
महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आया है! उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अपने 65 उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित की है, जिसमें कई नए और पुराने चेहरे शामिल हैं. यह कदम एकनाथ शिंदे के खिलाफ ठाकरे की तैयारी को दर्शाता है. खासकर केदार दिघे का नाम, जो शिंदे के गढ़ में चुनौती पेश करेगा, सबका ध्यान खींच रहा है. जानें ठाकरे का यह नया कदम महाराष्ट्र की राजनीति में क्या बदलाव ला सकता है!
Maharastra Vidhansabha Election 2024: महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल के बीच, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. इस सूची में कुल 65 उम्मीदवारों का नाम है, जिसमें कई नए और पुराने चेहरों को मौका दिया गया है. यह कदम एकनाथ शिंदे के खिलाफ ठाकरे का मजबूती से कदम उठाने का संकेत है.
हालांकि महाविकास अघाड़ी के भीतर सीट आवंटन का संकट अभी भी हल नहीं हुआ है, लेकिन उद्धव ठाकरे ने अपने गुट को संगठित करने का प्रयास किया है. एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच विभाजन के बाद सभी की नजर इस बात पर थी कि ठाकरे अपने गुट के उम्मीदवारों के चयन में किस तरह का फैसला लेते हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा निवडणूक २०२४
— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) October 23, 2024
शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे) पक्षाची अधिकृत उमेदवारांची पहिली यादी. pic.twitter.com/QAJ01ce7ds
प्रमुख उम्मीदवारों की सूची
उद्धव ठाकरे ने डोंबिवली से दीपेश म्हात्रे, कल्याण ग्रामीण से सुभाष भोईर, ओवला मजीवाड से नरेश मनेरा, कोपरी पचपाखाड़ी से केदार दिघे और ठाणे से राजन विखे जैसे उम्मीदवारों का चयन किया है. विशेष ध्यान केदार दिघे पर है, जो धर्मवीर आनंद दिघे के भतीजे हैं और एकनाथ शिंदे के खिलाफ कोपरी पचपाखाड़ी से चुनाव लड़ेंगे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
एकनाथ शिंदे 2009 से कोपरी पचपाखाड़ी क्षेत्र से विधायक हैं. 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद, शिंदे और ठाकरे के बीच राजनीति में तनाव बढ़ गया. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि ठाकरे का यह कदम एकनाथ शिंदे के लिए क्या चुनौती पेश करेगा.
उद्धव ठाकरे का नेतृत्व
इस सूची की घोषणा ने स्पष्ट कर दिया है कि उद्धव ठाकरे अपने नेतृत्व को पुनः स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपने गुट को मजबूती से खड़ा करने का प्रयास किया है, जिससे उनके समर्थकों को एक नया उत्साह मिला है. यह चुनावी लहर ठाकरे के लिए एक महत्वपूर्ण मौका हो सकती है, जिससे वे अपनी राजनीतिक जमीन को फिर से मजबूत कर सकें.
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार कितनी मजबूती से चुनावी मैदान में उतरेंगे और एकनाथ शिंदे के गुट को कैसे चुनौती देंगे. क्या यह ठाकरे के लिए नई सफलता का अध्याय लिखेगा? जानने के लिए इस चुनावी महासमर का इंतजार करना होगा.