UJJAIN LIVE UPDATE: महाकाल मंदिर में पीएम मोदी की शिव साधना, कॉरिडोर करेंगे देश को समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल कॉरिडोर पहुंचे। यहां उन्होंने पहले नंदी के दर्शन किये और फिर महाकाल के दर्शन किये। पीएम मोदी ने यहां मंदिर में पूजा-अर्चना की है
Mahakal Lok Corridor : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल कॉरिडोर पहुंचे। यहां उन्होंने पहले नंदी के दर्शन किये और फिर महाकाल के दर्शन किये। पीएम मोदी ने यहां मंदिर में पूजा-अर्चना की है। जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें नजर आया है कि पीएम मोदी ने बाबा महाकाल के दर्शन किये।
उस वक्त वहां मंदिर के पुजारी भी मौजूद थे। उज्जैन में स्थित विश्व प्रसद्धि महाकालेश्वर मंदिर के कई एकड़ क्षेत्र में तैयार किए गए दिव्य और भव्य कॉरिडोर महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और इसे देश को समर्पित करेंगे।
Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Ujjain's Mahakal temple in Madhya Pradesh. pic.twitter.com/1C2z5D1HBJ
— ANI (@ANI) October 11, 2022
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के नए दर्शन परिसर ' महाकाल लोक' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रद्धालुओ को समर्पित करेंगे। इस मौके पर नगर में महा महोत्सव होगा। नगर में दीपोत्सव मनाया जाएगा।
महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है। 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है। इसी पर चलकर भक्त गभगृह तक पहुंचेंगे। बेहतर डिजाइन के लिए विशेषज्ञों ने हरिद्वार, दिल्ली के अक्षरधाम मंदिरों का किया था दौरा महाकालेश्वर मंदिर गलियारा परियोजना से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने संबंधित डिजाइन को अंतिम रूप देने के लिए वाराणसी, हरिद्वार के साथ ही दिल्ली और अहमदाबाद में अक्षरधाम मंदिरों की यात्रा की थी।
एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। उज्जैन स्मार्ट सिटी के तहत 856 करोड़ रुपये की यह परियोजना 2017 में शुरू हुई थी। उज्जैन स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आशीष कुमार पाठक ने परियोजना के कार्यान्वयन में आई कुछ चुनौतियों के साथ ही कला एवं स्थापत्य पहलुओं सहित वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उठाए गए कदमों को पीटीआई-भाषा के साथ साझा किया।
उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना की टीम के सदस्यों ने इसके लिए काशी व हरिद्वार के साथ ही दिल्ली और अहमदाबाद के अक्षरधाम मंदिरों की यात्रा की। हमने कालिदास अकादमी और संस्कृत अकादमी के विशेषज्ञों के साथ ही श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के कुछ पुराने पुजारियों को डिजाइन में मदद करने के लिए साथ लिया।