बिहार में बाढ़ के बीच हेलिकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग, वायुसेना के जांबाजों ने बचाई जान!
Bihar Floods: बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने के दौरान इंडियन एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण पानी में लैंड करना पड़ा. तीन वायुसेना अधिकारियों को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया. इस घटना ने राहत कार्यों में खलल डाल दिया है, जबकि बिहार के कई जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. जानिए पूरी कहानी और स्थिति कैसे बिगड़ी.
Bihar Floods: बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के दौरान इंडियन एयरफोर्स का एक हेलिकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह घटना मुजफ्फरपुर के औराई इलाके में हुई, जहां हेलिकॉप्टर का एक ब्लेड टूट गया. इस गंभीर स्थिति में, हेलिकॉप्टर को पानी में हार्ड लैंडिंग करनी पड़ी. हालांकि राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी भी वायुसेना अधिकारी को चोट नहीं आई.
हेलिकॉप्टर सुबह से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फूड पैकेट्स बांटने का काम कर रहा था. अचानक एक ब्लेड में तकनीकी समस्या आने के बाद, पायलट ने आपात स्थिति का सामना करते हुए हेलिकॉप्टर को पानी में उतारने का फैसला लिया. जैसे ही हेलिकॉप्टर पानी में लैंड हुआ, वहां मौजूद स्थानीय लोग तुरंत सहायता के लिए पहुंचे. उन्होंने तीन वायुसेना अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकालकर नाव की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
घटनास्थल पर प्रतिक्रिया
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हेलिकॉप्टर को आधा पानी में डूबा हुआ देखा जा सकता है, जबकि स्थानीय लोग राहत सामग्री को निकालते दिख रहे हैं. दरभंगा एयरबेस से अधिकारियों की एक टीम घटना स्थल की ओर रवाना हो गई है. वे जल्द ही पहुंचकर यह पता लगाएंगे कि यह हादसा कैसे और क्यों हुआ.
An Indian Air Force HAL Dhruv helicopter had to force land in water in Bihar’s Muzaffarpur during flood relief duties. All crew safe. Images from the site: pic.twitter.com/KcOhPS9LsR
— Livefist (@livefist) October 2, 2024
बाढ़ का कहर
बिहार में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. नेपाल में भारी बारिश के बाद कोसी, गंडक और गंगा नदियों में बाढ़ आ गई है, जिसके कारण 19 जिलों में 12 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. सबसे अधिक नुकसान पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा और कटिहार जिलों में हुआ है. इन जिलों के 76 प्रखंडों के 368 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है जिससे आम लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.
क्या कहते है सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नेपाल में 70 घंटे की बारिश के बाद कोसी और गंडक नदियों में पानी की अत्यधिक मात्रा छोड़ दी गई, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई. उत्तरी बिहार के चार जिलों में 24 घंटे के भीतर 7 तटबंध टूट चुके हैं, और 55 प्रखंडों के 270 गांव पूरी तरह डूब गए हैं. ये आंकड़े बाढ़ के प्रभाव को दर्शाते हैं, जिससे पता चलता है कि सरकार को राहत कार्यों को तेज करने की आवश्यकता है.
बिहार में बाढ़ की इस स्थिति ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है. सभी की नजर अब राहत और बचाव कार्यों पर है ताकि जल्द से जल्द प्रभावित लोगों की मदद की जा सके.