भारत के विश्व गुरु बनते ही दुनिया से समाप्त होगी अशांतिः Mohan Bhagwat
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि ऊंच-नीच और जात-पात को समाप्त करने से ही उन्नति होगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि ऊंच-नीच और जात-पात को समाप्त करने से ही उन्नति होगी। देश को आगे बढ़ाने के लिए सबको आगे आकर सहयोग करना होगा, तभी देश विश्वगुरु बनेगा। हमारा देश विश्व गुरु बनेगा तो दुनिया में फैली अशांति समाप्त हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली स्थित श्री कृष्ण मंदिर के 65वें वार्षिकोत्सव में बुधवार को सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि अगर देश को विश्वगुरु बनाना है तो सभी को मिलकर साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि अब देश विश्व गुरु बनने की ओर बढ़ रहा है। जिसका प्रभाव दुनिया में दिखाई दे रहा है। इंसान के लिए सबसे बड़ा धर्म होता है। अगर इंसान अपने धर्म से भटक जाता है तो वह संभल नहीं पाता।
भागवत ने कहा कि हिंदू समाज को अपने धर्म पथ पर चलना होगा। एक जमाना था, जब मंदिरों में धर्म के अलावा रोजगार, कला और शिक्षा संचालित होती थी। विदेशियों ने भारत आकर सबसे पहले हमारी इसी शक्ति को खत्म किया। उन्होंने कहा कि धर्म पर संकट आते हैं। दुष्ट और अधर्मी आक्रमण करते हैं। ऐसे समय में शक्ति के साथ सुशील रहना भी जरूरी है।
सरसंघचालक ने कहा कि सत्य को जानने के लिए मनुष्य का पवित्र होना जरूरी है। उपदेश किसी भी पंथ और संप्रदाय के लिए लाभकारी होता है। संतों की बात सुनने से हमारा अहंकार दूर होगा।