22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत होने वाली है. इसी बीच एक बड़ा मुद्दा जो राजनीति को पूरी तरह गर्म कर रहा है. जानकारी दें कि यूपी पुलिस की तरफ से ये आदेश दिया गया है कि कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर जिले के सभी दुकानदारों, ढाबों, फल बेचने वाले और चाय की दुकानों को अपने प्रतिष्ठानों या वेंडिंग ठेलों पर मालिकों अथवा कर्मचारियों के नाम का पोस्टर लगाना होगा. एसएसपी अभिषेक सिंह ने इसपर अपनी बात रखी है, उनका कहना है कि इस कदम का उद्देश्य यात्रियों के बीच भ्रम और कानून-व्यवस्था की संभावित समस्याओं पर रोक लगाना है.
असदुद्दीन ओवैसी ने दिया भड़काऊ बयान
यूपी पुलिस की तरफ से मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा वाले रास्ते पर सड़क के किनारे ठेलों के अलावा भोजनालयों में भी मालिकों के नाम के पोस्टर लगाने वाली बात पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा बयान दिया है. उनका कहना है कि "हम इसकी निंदा करते हैं क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जो अस्पृश्यता के बारे में बात करता है"
उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है. दूसरी बात, जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है, मुजफ्फरनगर में सभी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है. क्या आप केवल एक समुदाय के लिए काम करेंगे? संविधान? मैं योगी आदित्यनाथ को चुनौती देता हूं कि अगर उनमें साहस है तो वे लिखित आदेश जारी करें.
मुजफ्फरनगर के विधायक अग्रवाल का बयान
बता दें कि अभी हाल ही में मुजफ्फरनगर के विधायक और यूपी के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने एक बात कही थी कि 'मुसलमानों को किसी भी विवाद से बचने के लिए हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर अपनी दुकानों का नाम नहीं रखना चाहिए' First Updated : Thursday, 18 July 2024