यूपी में उपचुनाव: कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे का विवाद

उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव इंडिया ब्लॉक के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. कांग्रेस ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है, जबकि समाजवादी पार्टी इससे सहमत नहीं है. दोनों दलों का लक्ष्य भाजपा को हराना है लेकिन सीटों के बंटवारे पर मतभेद बने हुए हैं. क्या ये दल मिलकर चुनावी समर में उतरेंगे? जानिए पूरी कहानी में!

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Edited By: JBT Desk

UP Election: उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जो इंडिया ब्लॉक के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकती है. लोकसभा चुनाव में INDIA ब्लॉक ने 40 से ज्यादा सीटें जीती थीं, जिससे भाजपा को बहुमत हासिल करने में कठिनाई हुई थी. अब इन उपचुनावों पर सबकी नजरें टिकी हैं खासकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर. 

कांग्रेस ने इन 10 सीटों में से पांच पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, जबकि सपा इससे सहमत नहीं है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उनकी पार्टी सभी 10 सीटों पर चुनावी तैयारी कर रही है. उन्होंने बताया कि संविधान बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसमें दोनों दल मिलकर भाजपा को हराने का संकल्प ले रहे हैं.

उपचुनाव वाली विधानसभा सीटें

इन उपचुनावों में जिन सीटों पर मतदान होना है:

गाजियाबाद
मझवान (मिर्जापुर)
शीशमऊ (कानपुर शहर)
खैर (अलीगढ़)
कटेहरी (अंबेडकर नगर)
करहल (मैनपुरी)
मिल्कीपुर (अयोध्या)
मीरापुर (मुजफ्फरनगर)
फूलपुर (प्रयागराज)
कुंदरकी (मुरादाबाद)

इनमें से नौ सीटें लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुई हैं, जबकि शीशमऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण खाली हुई है.

दोनों दलों का उद्देश्य

कांग्रेस और सपा के नेता लगातार कह रहे हैं कि उनका मुख्य लक्ष्य भाजपा को हराना है. सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है. वे मानते हैं कि सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा.

पिछले चुनावों का आकलन

2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने करहल, मिल्कीपुर, शीशमऊ, कटेहरी और कुंदरकी सीटें जीती थीं. वहीं गाजियाबाद, मझवां, फूलपुर और खैर पर भाजपा का कब्जा रहा. मीरापुर सीट रालोद ने जीती थी. इन आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस और सपा को अपनी रणनीति तैयार करनी होगी.

इन उपचुनावों का परिणाम सिर्फ यूपी में नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डाल सकता है. कांग्रेस और सपा के बीच का यह विवाद उनके चुनावी भविष्य का निर्धारण करेगा. यदि ये दोनों दल एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ मजबूती से उतरते हैं, तो यह राजनीति के मंजर को बदल सकता है. यूपी के चुनावी परिदृश्य में अब सबकी नजरें इन उपचुनावों पर टिकी हैं. 

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06 October 2024, 07:35 PM IST

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