उप्र सरकार का 6.15 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश, योगी ने बताया बजट को ‘खुशियों का द्वार’
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधान सभा में गुरुवार को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 6.15 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय का प्रावधान प्रस्तावित किया है।
लखनऊ, 26 मई (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधान सभा में गुरुवार को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये 6.15 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय का प्रावधान प्रस्तावित किया है। सरकार का दावा है कि यह बजट प्रस्ताव प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट प्रस्ताव है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खन्ना द्वारा पेश किये गये पहले ‘पेपरलैस बजट’ पर खुशी जाहिर करते हुए इसे आत्मनिर्भर उप्र के लिये खुशियों का द्वार बताया है। योगी ने बजट पेश किये जाने के बाद कहा, “आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश एवं ‘अंत्योदय’ की संकल्पना की सिद्धि को समर्पित लोक-कल्याणकारी बजट के लिए माननीय वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना जी को हार्दिक बधाई। वित्तीय वर्ष 2022-2023 का यह बजट प्रदेश वासियों के लिए खुशियों का द्वार सिद्ध होगा।”
इससे पहले खन्ना ने विधान मंडल के दोनों सदनों में बजट पेश करते हुए उप्र सरकार के बजट में वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिये 7,053.56 करोड़ रुपये और बेसहारा महिलाओं की पेंशन योजना के लिये 4,032 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रावधान प्रस्तावित किया है। इसके अलावा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन’ के लिये खन्ना ने 10,547.42 करोड़ रुपये और ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के लिये 600 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रावधान प्रस्तावित किया। वित्त मंत्री बजट प्रस्तुत करते हुए सदन में अपने कवि मन की भी छाप छोड़ते हुए बजट भाषण के शुरु में सरकार की राह में आ रही चुनौतिका जिक्र कविता के माध्यम से किया। उन्होंने कहा, “वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ में बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों। इस तरह उन्होंने बजट भाषण के आगाज की तरह ही अंत भी एक शेर से किया। खन्ना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी की जुनून भरी कार्यशैली का जिक्र करते हुए कहा, “तेरे जुनूँ से नतीज़ा ज़रूर निकलेगा, किसी स्याह समंदर से नूर निकलेगा।”