12 साल से अंधेरे में था यूपी का ये स्कूल, फिर टीचर्स की पहल से छात्रों के जीवन में आया उजाला
देश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की खबरें तो हमें अक्सर ही सुनने को मिलती रहती हैं, लेकिन यूपी के बांदा से अबकि ऐसी खबर सामने आई हैं जिसने सरकारी नुमाइंदों को आईना दिखाने का काम किया है। दरअसल, यहां के एक सरकारी स्कूल में बीते 12 सालों से बिजली नहीं थी, ऐसे में स्कूल प्रशासन ने क्षेत्रीय अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक से विनती की। पर जब उनकी किसी ने ना सुनी तो स्कूल स्टाफ ने खुद ही डेढ़ लाख रुपए का इंतजाम कर स्कूल में बिजली का प्रबंध कर एक मिसाल कायम कर दी।
देश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की खबरें तो हमें अक्सर ही सुनने को मिलती रहती हैं, लेकिन यूपी के बांदा से अबकि ऐसी खबर सामने आई है जिसने सरकारी नुमाइंदों को आईना दिखाने का काम किया है। दरअसल, यहां के एक सरकारी स्कूल में बीते 12 सालों से बिजली नहीं थी, ऐसे में स्कूल प्रशासन ने क्षेत्रीय अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक से विनती की। पर जब उनकी किसी ने ना सुनी तो स्कूल स्टाफ ने खुद ही डेढ़ लाख रुपए का इंतजाम कर स्कूल में बिजली का प्रबंध कर एक मिसाल कायम कर दी।
शासन-प्रशासन के आगे कई बार लगा चुके थे गुहार
दरअसल, ये मामला उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के पखरौली गांव के राजकीय हाई स्कूल का है, जहां बीते एक दशक से अधिक समय से बिजली न होने के चलते छात्र से लेकर शिक्षक तमाम तरह की दिक्तों का सामना कर रहे थे। खासकर गर्मियों के दिनों में क्लास रूम में रहना बेहद मुश्किल होता था, ऐसे में स्कूल के प्रिंसिपल और मैनेजमेंट ने बिजली की व्यवस्था करने के लिए क्षेत्रीय प्रशासन से लेकर सरकार के आगे कई बार गुहार लगाई। पर स्कूल की तरफ किए गए हर मांग को सरकार नजर अंदाज करती रही है।
छात्रों के भविष्य के लिए शिक्षकों की कवायद
ऐसे में स्कूल प्रशासन ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए खुद इस पर अमल करने की ठानी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो स्कूल के टीचर्स और बाकी स्टाफ ने मिलकर इस मद में डेढ़ लाख रुपए इकठ्ठा किए और फिर उससे स्कूल के लिए ट्रांसफार्मर और खंभा आदि की व्यवस्था की गई। इस तरह से 12 साल से अंधियारे में रह रहे स्कूल में शिक्षकों की कवायद से बिजली आ सकी। ऐसे में शिक्षकों के इस योगदान की क्षेत्र में काफी सराहना हो रही है और इससे स्कूल के छात्र और अभिभावक बेहद खुश हैं।