UP शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से मांगा जवाब, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
UP Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी. इस आदेश से नौकरी कर रहे 19,000 लोगों का भविष्य दांव पर है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गहन समीक्षा के लिए सभी पक्षों से लिखित दलीलें मांगी हैं. फैसले की स्थिरता पर अभी भी बड़ा सवाल बना हुआ है.
UP Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. 9 सितंबर 2024 को हुई इस सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट के आदेश को फिलहाल स्थगित कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जून 2020 और जनवरी 2022 की चयन सूचियों को रद्द कर दिया था और राज्य सरकार को निर्देशित किया था कि 2019 की सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर नई चयन सूची जारी की जाए. इसके अतिरिक्त, हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि किसी रिजर्वेशन कैटगरी के उम्मीदवार के अंक जनरल कैटगरी के अंक के बराबर हैं तो उसका चयन जनरल कैटगरी में होना चाहिए.
इस आदेश का असर लगभग 19,000 शिक्षकों पर पड़ सकता है, जो पिछले चार वर्षों से नौकरी कर रहे हैं और इनमें से कई को नौकरी खोने का डर भी सता रहा है.
सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा और भविष्य की दिशा
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गहन समीक्षा के लिए समय मांगा है और सभी संबंधित पक्षों से लिखित दलीलें पेश करने को कहा है. राज्य सरकार और अन्य पक्षों को अधिकतम 7 पन्नों में अपनी लिखित दलीलें प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट इस मामले के कानूनी पहलुओं की बारीकी से जांच कर आदेश देगा, ताकि भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके.
शिक्षक भर्ती के भविष्य पर संभावित प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है और इससे नौकरी कर रहे लोगों के भविष्य पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है. यह मामला केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता ही नहीं, बल्कि उन शिक्षकों की नौकरी की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो वर्तमान में इस नौकरी में कार्यरत हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है, जिससे भर्ती प्रक्रिया और नौकरी कर रहे लोगों के भविष्य को लेकर स्पष्टता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके.