पटना में BPSC अभ्यर्थियों का हंगामा, क्या हैं उनकी मांग, जानिए आंदोलन पूरी कहानी
BPSC Exam Issue: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को विवादों में घिर गई है. इस परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा परिसर में कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आईं, जिसके बाद छात्रों ने हंगामा किया और परीक्षा फिर से कराने की मांग की. आइए जानते हैं इस पूरे विवाद की कहानी और अब तक इस मुद्दे पर क्या कुछ हुआ.
बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की 70वीं कंबाइंड प्रीलिमिनरी परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित की गई थी, लेकिन इसे लेकर विवाद और हंगामा मच गया है. पटना में हुए इस हंगामे को लेकर छात्रों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं और उनकी मांग है कि यह परीक्षा फिर से कराई जाए. आइए जानते हैं कि इस विवाद की जड़ क्या है और अब तक इस हंगामे में क्या कुछ हुआ.
क्या है बीपीएससी परीक्षा का विवाद?
बीपीएससी की परीक्षा का आयोजन 13 दिसंबर को हुआ, जिसमें करीब 4,83,000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. परीक्षा में 3,25,000 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया. यह परीक्षा बिहार लोकसेवा आयोग के तहत 2031 पदों के लिए हो रही थी, जिनमें एसडीएम, डीएसपी जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल थे. लेकिन परीक्षा से पहले, 6 दिसंबर को सामान्यीकरण प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. छात्रों का आरोप था कि बीपीएससी इस परीक्षा में सामान्यीकरण प्रक्रिया लागू कर सकता है, जिससे उनके अंकों पर असर पड़ेगा. हालांकि बीपीएससी ने इसे अफवाह करार दिया था और कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है.
सामान्यीकरण प्रक्रिया क्या है?
जब परीक्षा कई पालियों में होती है, तो अलग-अलग पालियों के प्रश्नपत्रों का स्तर अलग-अलग हो सकता है। इस स्थिति में यदि किसी पाली का पेपर कठिन हो और किसी का आसान, तो सामान्यीकरण प्रक्रिया के तहत कठिन पेपर के उम्मीदवारों के अंकों में बढ़ोतरी की जाती है. छात्रों का कहना था कि इससे उनकी मेरिट प्रभावित हो सकती है, और इसलिए उन्होंने इसे विरोध किया.
13 दिसंबर को क्या हुआ?
13 दिसंबर को जब परीक्षा शुरू हुई, तो पटना के बापू परीक्षा परिसर में अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र मिलने में देरी हुई. इसे लेकर छात्रों ने हंगामा किया. करीब 12,000 उम्मीदवारों के लिए आयोजित परीक्षा में देरी हो गई, और इसके बाद बीपीएससी ने इस सेंटर की परीक्षा 4 जनवरी 2025 को फिर से कराने का फैसला किया. हालांकि छात्रों का कहना है कि केवल एक सेंटर पर परीक्षा फिर से कराना निष्पक्ष नहीं होगा, और उन्होंने पूरी परीक्षा को फिर से कराने की मांग की है.
छात्रों के अन्य आरोप
छात्रों ने कुछ और आरोप भी लगाए हैं, जैसे कि कुछ सेंटरों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं थे, कुछ प्रश्नपत्रों में कोचिंग संस्थानों के मॉडल प्रश्न पत्रों से काफी समानताएं थीं, और कई छात्रों का कहना था कि प्रश्न पत्र का स्तर पुलिस भर्ती परीक्षा जैसा था. हालांकि बीपीएससी ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि अगर प्रश्नपत्र आसान था, तो कटऑफ अधिक जाएगा, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है.
राजनीतिक पक्ष
इस विवाद में अब राजनीतिक भी हस्तक्षेप कर चुके हैं. कई राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों ने छात्रों का समर्थन किया है और इस मुद्दे पर बयान दिए हैं. पटना के गर्दनी बाग इलाके में छात्रों के विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं, और इस पूरे मामले पर चर्चा बनी हुई है. बीपीएससी परीक्षा को लेकर ये विवाद इस समय चर्चा का विषय बन गया है. छात्रों के लगातार विरोध और मांगों के बावजूद बीपीएससी ने अभी तक परीक्षा को फिर से कराने से इनकार किया है. अब देखना होगा कि इस मामले का क्या हल निकलता है.