अयोध्या में ऑल इज नॉट वेल! बीच में PC क्यों छोड़ गए लल्लू सिंह?
Uttar Pradesh Assembly By-election: अयोध्या भाजपा में खुलकर सामने दरार सामने आई है. फैजाबाद के पूर्व सांसद कार्यक्रम छोड़कर चले गए. उन्होंने माफिया के साथ मंच साझा नहीं करने की बात कही है. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी में मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले दरार आ रही है. ये सब ऐसे समय में हो रही है जब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर की कमान संभाल रखी है.
Uttar Pradesh Assembly By-election: उत्तर प्रदेश में बीजेपी उप चुनाव से पहले तैयारियों में लगी है. सदस्यता अभियान के लिए बैठकें चल रही हैं और प्लानिंग हो रही है. इस बीच भाजपा की अयोध्या इकाई में अंदरूनी दरार को उजागर हुई है. फैजाबाद से पूर्व सांसद लल्लू सिंह अचानक पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए. उन्होंने कहा कि वह एक "माफिया" के साथ मंच साझा नहीं करेंगे, जो स्पष्ट रूप से एक पार्टी कार्यकर्ता की ओर इशारा कर रहा था.
बता दें लल्लू सिंह हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद से हार गए थे. उन्हें भाजपा का मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा था और कहा जा रहा था की अयोध्या से खड़े होने के कारण उनकी जीत पक्की है.
मुख्यमंत्री ने संभाली है कमान
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे से एक दिन पहले हुई थी. यहां भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री ने खुद इस सीट की जिम्मेदारी संभाली है और कुछ मंत्रियों को भी वहां डेरा डालने के लिए कहा गया है.
वार-पलटवार
लल्लू सिंह द्वारा माफिया कहे गए पार्टी कार्यकर्ता शिवेंद्र सिंह ने पलटवार करते हुए दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार लल्लू के द्वारा संविधान बदलने के बयान के कारण हुई थी. उन्होंने लल्लू के अतीत में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के साथ संबंधों की भी ओर इशारा किया.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए लल्लू सिंह ने कहा कि इसका आगामी विधानसभा उपचुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन कई नेताओं का मानना है कि पार्टी को इस तरह के मतभेदों को जल्द सुलझाना होगा.
और क्या बोले लल्लू सिंह?
लल्लू सिंह ने कहा कि किनारे किए जाने की बात नहीं है. मुझे कोई किनारे नहीं कर सकता. यह मर्यादा और अनुशासन की बात है. मैं समय से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंच गया था और पत्रकारों के साथ बैठा था. कुछ पार्टी के नेता आए और मंच की ओर बढ़े. मैंने देखा कि वहां कुछ गलत लोग बैठे थे. मुझे ऐसे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के साथ बैठना उचित नहीं लगा. इसलिए मैंने चुपचाप वहां से निकलने का फैसला किया.
उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए अनुशासन और मर्यादा जरूरी हैं. मैं सालों से पार्टी की विचारधारा के लिए एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं. पार्टी की जिला इकाई को इस पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
शिवेंद्र सिंह का जवाब
ब्लॉक प्रमुख संघ के जिला अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह ने कहा कि वह लंबे समय से भाजपा से जुड़े हैं. मैं उस दिन मंच पर मौजूद था. मैंने उनके साथ कई चुनावों में काम किया है लेकिन उन्हें कभी कोई समस्या नहीं हुई. मुझे लगता है कि उनकी इस टिप्पणी के पीछे उनकी बढ़ती उम्र का असर हो सकता है. संविधान बदलने के बयान के कारण ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. उन्हें पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह किसे माफिया कह रहे हैं.