उत्तराखंड में नकल कराने वाले अब किसी भी हाल में बच नहीं सकेंगे। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा कदम उठाय़ा है। इस बात की जानकी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने खुद दी है। राज्य में नकल के लिए बहुत कड़े प्रावधान किए गए है। जिन नियमों व कानूनों को जानना बेहद जारूरी है। नियम के उल्लखंन करने वालो जो जानिए कितनी सजा व कितना जुर्माना लग सकता है।
ग्रामीण विज्ञान कांग्रेस 2023 के उद्घाटन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश को सुशासन देने वाले भारत रत्न आदरणीय अटल ने जय-जवान, जय-किसान के साथ जय-विज्ञान का नारा दिया था, इस नारे को आगे बढ़ाते हुए PM मोदी ने इसमें जय-अनुसंधान जोड़ने का कार्य किया है। हमने तय किया है कि उत्तराखण्ड में सबसे सख़्त नक़ल विरोधी क़ानून लागू किया जाए। इस हेतु सख़्त नक़ल विरोधी कानून का अध्यादेश हमने कल राजभवन भेज दिया है, जल्द ही यह लागू हो जाएगा।
हर कीमत पर हम छात्रों का हित चाहते हैं इसलिए हमने सभी परीक्षाओं की नई तिथि जारी की है। नई तिथि की घोषणा के साथ ही परिवहन निगम की बसों में परीक्षा वाले दिन छात्रों की यात्रा निशुल्क की है। सभी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। हमने कहा था कि हम एंटी चीटिंग ऑर्डिनेंस लाएंगे। राज्य कैबिनेट से मंजूरी के बाद हमने इसे राज्यपाल के पास भेजा। हमने यह भी तय किया है कि अब होने वाली सभी परीक्षाएं इस एंटी-चीटिंग अध्यादेश के अनुसार होंगी।
10 की साल की सजा व 10 करोड़ जुर्माना
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने नकल विरोधी कड़े राज्य़ सरकार नकल विरोधी कड़े कानून का पूरा शेड्यूल तैयार कर लिया था। इसके लिए एक महीने पहले से ही सभी तैयारिया कर ली गई थी। इस कानून के नकल माफिया को उम्रकैय या 10 साल की जेल और 10 करोड़ का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। इसमें नकल माफिया की संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान है। First Updated : Friday, 10 February 2023