Sriram: प्रभु राम की जन्मस्थली पर राम मंदिर बनाया जाए, इसके लिए कई पीढ़ियों ने कोशिश की है. अब जाकर राम मंदिर का सपना साकार होने वाला है, लगभग 500 सालों के बाद अयोध्या में आने वाले 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने वाली है. बता दें कि कई वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर बहस चली, जिसके बाद प्रभु राम की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का अधिकार हासिल हुआ. इस मौके पर कई यादें ताजा होने वाली हैं, इसी बीच राम मंदिर आंदोलन में अपनी भूमिका अदा करने वाले जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मामला जिस वक्त कोर्ट में चल रहा था, तब स्वामी रामभद्राचार्य से एक मुस्लिम जज ने सवाल किया कि, क्या प्रभु राम के जन्म का कोई प्रमाण है. किसी वेद में क्या इसका वर्णन है? जिसके बाद स्वामी रामभद्राचार्य ने जवाब में कहा कि, अथर्ववेद के दशम कांड के 31वें अनु वाक्य के द्वितीय चित्र में स्पष्ट रूप से इस बात का वर्णन है कि, 8 चक्रों और 9 प्रमुख द्वार वाली श्री अयोध्या नगरी देवी-देवताओं का धाम है. इस अयोध्या नगरी में मंदिर महल है. जहां परमात्मा खुद स्वर्ग से आए हैं, आगे कहा कि, यह भी वर्णन है कि, प्रभु राम के जन्मस्थान से 300 धनुष की दूरी पर सरयू नदी जैसी पवित्र नदी बहती है.
स्वामी रामभद्राचार्य का प्रमाण
स्वामी रामभद्राचार्य ने अयोध्या में श्रीराम जन्म के 441 प्रमाण उस जज के समक्ष रख दिए. वहीं जब खुदाई हुई तो, उनमें से 437 प्रमाण सही पाए गए. स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा प्रभु राम के जन्म के प्रमाण का यह वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जबकि एक बार की बात है जब जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से सवाल हुआ कि, क्या आपने भगवान राम को देखा है? इस पर उन्होंने जवाब में एक घटना बताया. उनका कहना था कि, लोगों ने तो प्रभु राम की केवल तस्वीरें व मूर्तियां देखी हैं, मगर मैंने तो उन्हें बहुत निकट से देखा है, उनकी शक्तियों का अनुभव किया है.
First Updated : Sunday, 07 January 2024