मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, इंटरनेट बैन, 10 पॉइंट में जानें अब तक क्या हुआ?

Internet Ban in Manipur: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है. जिसके चलते सरकार ने 5 दिनों के लिए राज्य में इंटरनेट पर रोक लगा दी है. ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद राज्य के पुलिस प्रमुख को हटाने की मांग को लेकर छात्रों के विरोध मार्च के दौरान सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प है. हिंसा की ताजा लहर में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई है और 12 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. 

JBT Desk
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Internet Ban in Manipur: मणिपुर में बीते डेढ़ साल से हिंसा का दौर जारी है. इस बीच राज्य में हुई ताजा हिंसा को लेकर सरकार ने आज यानी मंगलवार को पांच दिनों के लिए राज्य में इंटरनेट पर रोक लगा दी है. ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद राज्य के पुलिस प्रमुख को हटाने की मांग को लेकर छात्रों के विरोध मार्च के दौरान सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प है. सरकार ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में कर्फ्यू और थौबल में निषेधाज्ञा लागू कर दी है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा से तबाह राज्य में कुछ बस्तियों में अत्याधुनिक ड्रोन और रॉकेट हमलों की बाढ़ के बाद यह विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. मणिपुर में ड्रोन और रॉकेट हमलों सहित हिंसा की ताजा लहर में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है और 12 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. 

पढ़िए मणिपुर में अब तक क्या-क्या हुआ 10 पॉइंट में?

1-राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला गृह विभाग ने नफरत फैलाने वाली तस्वीरें, भाषण और वीडियो के प्रसार के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को रोकने के लिए लिया लिया है.  यह प्रतिबंध 15 सितंबर को हटा लिया जाएगा. 

2-इस बीच अधिसूचना में कहा गया है, 'मणिपुर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में 10 सितंबर की दोपहर 3 बजे से 15 सितंबर की दोपहर 3 बजे तक पांच दिनों के लिए लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित/रोकने का आदेश दिया गया है.'

3-इससे पहले आज, छात्रों और महिला प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे, जब प्रदर्शनकारियों ने राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की. वे डीजीपी और मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं. 

4- सोमवार से ख्वाइरामबंद महिला बाजार में डेरा डाले सैकड़ों छात्रों ने बीटी रोड के रास्ते राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस भवन के पास सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया गया. 

5-इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के जिला मजिस्ट्रेटों ने मंगलवार, 10 सितंबर को सुबह 11:00 बजे से दोनों जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है.  'इस कार्यालय ने, 9 सितंबर 2024 के सम संख्या के आदेश के तहत, क्रिमिनल विविध मामला संख्या 5, 2024 के तहत एक कर्फ्यू छूट आदेश जारी किया, जिसमें इंफाल पूर्व जिले में बीएनएसएस, 2023 की धारा 163 के तहत लगाए गए कर्फ्यू में ढील देने के लिए 10 सितंबर, 2024 को सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक की छूट अवधि है.  

ऐसे में अब, जिले में विकासशील कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण, उपर्युक्त छूट आदेश तत्काल प्रभाव से, यानी 10 सितंबर 2024 को सुबह 11:00 बजे से रद्द कर दिया गया है. इसलिए, इंफाल पूर्व जिले में तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक पूर्ण कर्फ्यू है, 'एक आदेश में कहा गया है.' 

6-हालांकि, सरकार ने स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग विभाग, नगर निकाय, बिजली (एमएसपीसीएल/एमएसपीडीसीएल), पेट्रोल पंप, अदालतों के कामकाज, हवाई यात्रियों और मीडिया के आने-जाने जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को मुक्त आवाजाही की अनुमति दी है. 

7-इस बीच, एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि मणिपुर में हाल ही में ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के बाद उन्होंने अत्याधुनिक रॉकेट के अवशेष बरामद किए हैं. उन्होंने असम राइफल्स के रिटायर डीजी लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि किसी ड्रोन या रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया गया था. रिटायर अधिकारी ने मणिपुर पुलिस को 'मैतेई पुलिस' भी कहा था. मीडिया से बात करते हुए आईजीपी (प्रशासन) के जयंत सिंह ने कहा कि यह टिप्पणी 'अपरिपक्व' थी. 

8-उन्होंने कहा, 'यह बयान अपरिपक्व है और ऐसा लगता है कि यह बल (असम राइफल्स) के नहीं बल्कि उनके निजी विचार हैं। हम इसे दृढ़ता से खारिज करते हैं. ड्रोन और हाई-टेक मिसाइल हमलों के सबूत हैं. ड्रोन बरामद किए गए हैं. नागरिक क्षेत्रों पर दागे गए अत्याधुनिक रॉकेटों के अवशेष बरामद किए गए हैं. ऐसे सबूतों के बावजूद, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिष्ठित कमांडर इस तरह का बयान दे रहा है. 

9-आईजीपी (ऑपरेशन) आईके मुइवा ने स्पष्ट किया कि कोई मैतेई पुलिस या कुकी पुलिस नहीं थी.  उन्होंने कहा, 'हम इसे खारिज करना चाहते हैं.  मणिपुर पुलिस में नागा, मैतेई, मणिपुरी मुस्लिम और गैर-मणिपुरी सहित विभिन्न समुदाय शामिल हैं.  इस बल में ईसाई, मुस्लिम और हिंदू हैं. 

10-पिछले वर्ष मई से इम्फाल घाटी स्थित मैतेई और पहाड़ी आधारित कुकी लोगों के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. 

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10 September 2024, 06:21 PM IST

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