संसद में बीते दिन यानी वक्फ संशोधन विधेयक पेश हो गया. इस कांग्रेस और सपा समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है. वहीं, सरकार का कहना है कि इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों पर अंकुश लगाकर बेहतर और पारदर्शी तरीके से प्रबंधन किया जाएगा. सरकार ने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की सिफारिश की है.
बिहार के कानून मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि, सभी जिलों बिहार के कानून मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि, सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए थे. सभी मंदिरों, मठों और ट्रस्टों का अनिवार्य तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया गया है. इस निर्देश में ये भी कहा गया है कि, जो इस फैसले को नहीं मानेगा उसपर एक्शन भी लिया जाएगा.
नीतिश सरकार ने मंदिरों और मठों से मांगा हिसाब
बता दें कि, बिहार राज्य धार्मिक सनस्यास बोर्ड यानी बीएसबीआरटी राज्य सरकार के विधि विभाग के तहत आता है. बिहार के कानून मंत्री नितिन ने बताया कि, डीएम को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि, सभी रजिस्टर्ड मंदिरो, मठो से उनकी अचल संपत्तियों का ब्योरा लेकर तत्काल बीएसबीआरटी को सौंपा जाए ताकि जल्द से इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके. उन्होंने ये भी बताया कि, इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है लेकिन अभी तक सिर्फ 18 जिलों ने बीएसबीआरटी को डेटा सौंपा है.
कानून मंत्री नितिन ने आगे बताया कि बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार सभी मंदिरो, मठो, ट्रस्ट्स और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के तहत रजिस्टर्ड करना जरूरी है. ऐसा करने से संप्त्तियों की जानकारी प्राइवेट नहीं रहेगी और गलत तरीके से इसक बिक्री या खरीद पर रोक लगेगी और एक्शन भी की जाएगी.
बीएसबीआरटी के लेटेस्ट डेटा के अनुसार, राज्य में फिलहाल लगभग 2512 गैर रजिस्टर्ड मंदिर और मठ हैं जबकि 2499 रजिस्टर्ड मंदिर हैं. इन आकंड़ो से पता चल रहा है कि सबसे ज्यादा अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ वैशाली में हैं. वैशाली में 438, कैमूर में 307, पश्चिमी चंपारण में 273, भागलपुर में 191, बेगूसराय में 185, सारण में 154, गया में 152 अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ हैं.
First Updated : Friday, 09 August 2024