हम परीक्षा देकर आ रहे थे, फिर गुंडों ने किया पीछा... देवरिया में छात्राओं का खौफनाक अनुभव

Deori: उत्तरप्रदेश के देवरिया में दो छात्राओं को स्कूल से लौटते समय गुंडों ने परेशान किया और खेत में खींचने की कोशिश की. शोर मचाने पर वे बच गईं लेकिन यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है, जो सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है. क्या हमारी बेटियां सुरक्षित हैंजानिए पूरा मामला!

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Horrible Experience Of Girl Students: उत्तर प्रदेश के देवरिया से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां दो छात्राओं को स्कूल से लौटते समय गुंडों का सामना करना पड़ा. यह घटना न केवल उन छात्राओं के लिए डरा देने वाली थी बल्कि यह पूरे समाज के लिए भी सुरक्षा के प्रति एक बड़ा सवाल उठाती है. 

दरअसल यह घटना शुक्रवार की है जब कक्षा 8 की दो लड़कियां परीक्षा देकर घर लौट रही थीं. वे साइकिल से घर को ओर जा रही थीं, तभी चार बाइक सवार गुंडों ने उनका पीछा करना शुरू किया. गुंडों ने उन्हें घेरकर उनके साथ छेड़खानी की और जब लड़कियां गिर गईं तो उन्होंने उन्हें खेत में खींचने की कोशिश की. डर से चिल्लाते हुए छात्राएं भागी और अंततः पास के लोगों की मदद से उनकी जान बच गई.

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

छात्राओं ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, 'हम परीक्षा देकर आ रहे थे, तभी गुंडे हमें दौड़ाने लगे. जब हमने शोर मचाया, तो वे भाग गए. हम उन्हें पहचान नहीं पाईं.' इस घटना का एक वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है, जिसमें गुंडों का पीछा करते हुए दिखाया गया है. यह न केवल एक व्यक्तिगत घटना है बल्कि यह समाज में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को भी उजागर करता है. क्या हमारे स्कूलों के आसपास छात्राओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं?

सरकार की प्रतिक्रिया

इस घटना पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पुलिस को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है. उन्होंने कहा, 'आरोपी मौके से भाग गए हैं. छेड़छाड़ की कोई वीडियो नहीं है लेकिन जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.' यह आश्वासन सवालों से भरा है—क्या इस तरह की घटनाओं के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था में कोई सुधार होगा?

समाज का दायित्व

इस तरह की घटनाएं हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम सुरक्षित हैं? छात्राओं की सुरक्षा सिर्फ पुलिस या सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है. हमें एकजुट होकर ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी और एक सुरक्षित माहौल बनाने की दिशा में कदम उठाने होंगे.

इस घटना ने हमें एक बार फिर याद दिलाया है कि सुरक्षा कोई मजाक नहीं है. हमें अपनी बेटियों, बहनों और सभी महिलाओं के प्रति जागरूक और सतर्क रहना होगा ताकि वे बिना किसी डर के अपने जीवन को जी सकें. First Updated : Saturday, 05 October 2024