ये कौन से इतिहास की बात कर रहे हैं अखिलेश यादव INDIA और PDA पर किया दावा

Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में 10 सीटों गाजियाबाद, खैर, कुंदरकी, मीरापुर, करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, सीसामऊ, मिल्कीपुर और मझवां में विधानसभा उपचुनाव होने हैं. N.D.A और I.N.D.I.A. के घटक दल के साथ ही बसपा भी इस बार 10 के लिए पूरा दम लगा रही है. हालांकि, अब तक चुनाव की तारीखें घोषित नहीं हुई हैं. इस बीच सपा नेता अखिलेश यादव ने इन सभी दस सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने की बात कही है.

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Akhilesh Yadav: देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कई राज्य ऐसे भी हैं जहां उपचुनाव होने हैं. इस बीच सबकी नजरें उत्तर प्रदेश पर है. जहां की दस सीटों पर चुनाव कराएं जाएंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें से नौ सीटें सांसदी का चुनाव जीतने के बाद ख़ाली हुई है जबकि एक कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने की बाद रिक्त हो गई है. 

प्रदेश की दस सीटों करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर  सीटों पर उपचुनाव होना है. ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. बीजेपी, सपा कांग्रेस समेत सभी पार्टियां चुनावी मैदान में ताल ठोकने को तैयार है. इस बीच सपा नेता अखिलेश यादव ने इन सभी दस सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने की बात कही है. 

अखिलेश यादव ने कर दी बड़ी बात

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने कहा कि जनता उपचुनाव में पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) को जिताएगी. पार्टी उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी और यह भारत गठबंधन और पीडीए की बड़ी जीत होगी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर अखिलेश यादव किस इतिहास की बात कर रहें हैं. तो आइए इन सभी 10 सीटों की हिस्ट्री जान लेते हैं. 

I.N.D.I.A के लिए क्या दांव पर?

उपचुनाव में पांच सीटें करहल, कुंदरकी, कटहरी, मिल्कीपुर व सीसामऊ सीट पर सपा का कब्जा था. पार्टी हर हाल में इन सीटों को बनाए रखना चाहेगी. लोकसभा में उपचुनाव वाली 7 सीटों पर सपा ने बढ़त बनाई थी लेकिन, आम चुनाव और उपचुनाव के मोमेंटम में अंतर होता है. सत्ता पक्ष पूरी ताकत झोंक रहा है. कांग्रेस के सहयोग की भी जमीनी परख होनी है। हालांकि, पार्टी का मोमेंटम और कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है.

2027 के लिए दावा मजबूत

नतीजे पक्ष में रहे तो 2027 के लिए दावा मजबूत होगा. वहीं, अयोध्या की मिल्कीपुर जैसी सीटें खिसकीं तो सत्ता इसे विपक्ष की खिसकती जमीन के तौर पर पेश करेगा. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होने वाला है कि आखिर अखिलेश यादव ने जिस ऐतिहासिक जीत की बात की है क्या वो सच कर पाएंगे.


First Updated : Saturday, 17 August 2024