हिंदू-मुस्लिम आबादी पर आएगा श्वेत पत्र, अब कौन सा दांव खेल रहे हैं हिमंत सरमा?

Assam News: असम में तेजी से बढ़ती मुस्लिम आबादी और घटती हिन्दू जंसख्या को देखते हुए असम सरकार एक श्वेत पत्र लाएगी. इसके बारे में जानकारी देते हुए असम के मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे लोगों को असम की जंसख्या में पैदा हुए असंतुलन के बारे में जानकारी मिलेगी और खतरे का अनुमान लगाया जा सकेगा. हम अप्रैल-मई तक श्वेत पत्र लाकर बताएंगे कि कैसे हिंदू बहुसंख्यक इलाकों में मुस्लिमों की संख्या में इजाफा होता चला गया.

JBT Desk
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Assam News: असम सरकार ने राज्य में तेजी से बढ़ती मुस्लिम जंसख्या और तेजी से घटती हिन्दू आबादी को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज यानी बुधवार को कहा कि उनकी सरकार श्वेत पत्र लाकर बताएगी की राज्य में मुस्लिमों की संख्या में इजाफा और हिन्दू आबादी कैसे घटती जा रही है. 

इस दौरान उन्होंने आगे कहा इससे लोगों को असम की जंसख्या में पैदा हुए असंतुलन के बारे में जानकारी मिलेगी और खतरे का अनुमान लगाया जा सकेगा. असम सीएम ने कहा कि हम अप्रैल-मई तक श्वेत पत्र लाकर बताएंगे कि कैसे हिंदू बहुसंख्यक इलाकों में मुस्लिमों की संख्या में इजाफा होता चला गया. लेकिन कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई.  दोनों समुदाय शांति से रहते रहे.  लेकिन जहां हालात  इसके उलट है, वहां ऐसा नहीं है. 

'कांग्रेस को साथ आना चाहिए ये राजनीति नहीं'

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले बीते दिन मंगलवार को सीएम  हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में विधायकों से अपील की थी कि वे यह तय करेंगे कि किसी भी इलाके में लोगों का पलायन न हो. उन्होंने कहा, 'हम असम में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति चाहते हैं. यह श्वेत पत्र कई दिलचस्प चीजें बताएगा. आप हैरान रह जाएंगे कि चीजें कैसे बदल रही हैं. राज्य में कुल 28000 पोलिंग बूथ हैं और 19000 में जनसंख्या का असंतुलन हो गया है.  हम श्वेत पत्र तैयार कर रहे हैं और इसे अप्रैल-मई तक जारी कर किया जाएगा.'  सरमा ने कहा कि कांग्रेस को भी इस मसले पर साथ आना चाहिए क्योंकि यह राजनीति की बात नहीं है. 

'एकजुट होकर मुकाबला करना होगा'

इस बीच सीएम सरमा ने आगे कहा, 'सभी को एकजुट होकर मुकाबला करना होगा.  किसी को भी किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. लेकिन जो लोग जहां भी रह रहे हैं, वहां उन्हें शांति से रहना चाहिए.' उन्होंने कहा कि असम सरकार ने समान नागरिक संहिता को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. हमारा काम यह है कि महिलाओं को सशक्त किया जाए और बाल विवाह पर रोक लगाई जाए.  असम सरकार यूसीसी पर काम नहीं कर रही है.  

हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि एक बार सभी मुस्लिम शादियों और तलाक के रजिस्ट्रेशन का कानून जब पास हो जाएगा तो फिर हम बहुविवाह पर भी पाबंदी के खिलाफ कानून लाएंगे. 

'इन दो बिलों को पास करने की तैयारी'

इस दौरान मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि  हमारी सरकार  राज्य में अंतर्धार्मिक विवाहों पर भी रोक लगाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि हम असम की संस्कृति को बचाने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं.  इस सरकार के 5 सालों को उस दौर के तौर पर याद किया जाएगा, जब राज्य की संस्कृति को बचाने की कोशिश की गई.

 उसे हमलावरों की संस्कृति से बचाया गया.  उन्होंने कहा कि मुस्लिम शादियों और तलाक के रजिस्ट्रेशन का बिल विधानसभा में है.  इसके अलावा अंतर्धार्मिक विवाहों पर रोक वाला बिल भी आना है.  उन्होंने कहा कि मैं 2026 में अपना कार्यकाल समाप्त होने तक इन विधेयकों को पास करा दूंगा. 

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28 August 2024, 03:52 PM IST

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