बिहार के सियासी गलियारे से एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रसिद्ध चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को अपनी राजनीतिक पार्टी की स्थापना करने जा रहे हैं. उन्होंने 28 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना स्थित बापू सभागार में अपने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए यह एलान किया था. किशोर ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी 2025 का बिहार विधानसभा के चुनावी मैदान में भी उतरेगी और सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार को खड़ा करेगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब प्रशांत किशोर ने कहा है कि वो जन सुराज अभियान से बनने जा रही पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे. वह अपने आप को जन सुराज का नेता नहीं बल्कि सूत्रधार मानते हैं. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को पार्टी के लोग नेता का चुनाव करेंगे और तब बताया जाएगा कि नई पार्टी आगे कैसे चलेगी. इस दौरान उन्होंने पर्दे के पीछे से पार्टी चलाने की मंशा को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी में प्रशांत किशोर की भूमिका भी तय की जाएगी.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि 2 अक्टूबर को पार्टी के गठन के बाद वो 3 अक्टूबर से फिर गांव-गांव में पदयात्रा करते दिखाई देंगे. उन्होंने कहा कि वो विधानसभा चुनाव तक लोगों को समझाते रहेंगे कि इस चुनाव वो अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट दें. लाइव सिटीज के साथ एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने खुद के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने की संभावना पर साफ कहा, 'बिल्कुल नहीं हैं. पार्टी को बनने तो दीजिए. मैं एक समय में एक कदम उठाता हूं.'
इस बीच उन्होंने आगे कहा कि 2 अक्टूबर को बिहार के एक करोड़ लोग मिलकर पार्टी बना रहे हैं. इनका नाम और नंबर भी जारी होगा. इसमें कोई फर्जीवाड़ा नहीं होगा. पंचायत से राज्य तक पार्टी के संगठन में 4.50 लाख पदाधिकारी होंगे. 2 अक्टूबर को पार्टी के लोग बैठकर चुनाव करेंगे. नेता का चुनाव करेंगे. लीडरशिप काउंसिल बनेगी. संविधान बनेगा. पहली बार देश में खुले मंच से चुनाव होगा, संविधान पर चर्चा होगी और उसे स्वीकार किया जाएगा.
वहीं चुनाव में जन सुराज के चेहरा के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहते हैं कि मैंने कहा था कि 2 साल लगे, 3 साल लगे, मैं पहले एक सशक्त विकल्प बनाने में बिहार में लोगों की मदद करूंगा, वो कर रहा हूं. दल 2 अक्टूबर को बनने जा रहा है. मैंने कहा था कि मैं इसका नेता नहीं बनूंगा. 2 तारीख को जब लाखों लोग अपना नेतृत्व चुनेंगे, तब आपको चेहरा दिखेगा कि कौन लोग इसका नेतृत्व कर रहे हैं.
प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर के बाद भी वही करेंगे, जो वो दो साल से कर रहे हैं. पदयात्रा में रहूंगा. गांव-गांव चलता रहूंगा. जब तक वोट नहीं होगा तब तक उनको समझाता रहूंगा कि इस बार वोट अपने बच्चे के लिए देना है.
First Updated : Monday, 12 August 2024