सब पर भारी माता प्रसाद, आज से होंगे नेता प्रतिपक्ष अखिलेश ने ब्राह्मण पर क्यों लगाया दांव

Uttar Pradesh News: लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी के बाद सपा नेता अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए जुट गए हैं. उन्होंने लंबे समय के इंतजार के बाद माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाने का फैसला लिया है. आखिर पूर्वांचल के ब्राह्मण माता प्रसाद को शिवपाल, इंद्रजीत और राजभर से ऊपर रख नेता प्रतिपक्ष क्यों बनाया गया है

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UP News: आम चुनाव 2024 के परिणामों के बाद ये तय हो गया था कि उत्तर प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष बदले जाएंगे. इसे लेकर लंबे समय से नामों के कयास लग रहे थे. अधिरकार 45 दिनों के बाद अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के ब्राह्मण माता प्रसाद पांडे को अपनी कुर्सी सौंपने का फैसला लिया. आज यानी 29 जुलाई को माता प्रसाद उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष बन जाएंगे. आखिर ऐसा क्या है उनमें जो समाजवादी पार्टी ने शिवपाल, इंद्रजीत और राजभर को किनारे रख इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है. आइये समझे समीकरण

रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के पहले सपा ने माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाने का फैसला लिया है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सात बार के विधायक माता प्रसाद को नेताा प्रतिपक्ष बनाने के साथ ही अखिलेश यादव ने विधायक कमाल अख्तर को सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक बनाया है. वहीं राकेश कुमार को उप सचेतक बनाया है. महबूब अली अधिष्ठाता मंडल में शामिल किए जाएंगे.

माता प्रसाद की प्रोफाइल

माता प्रसाद सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से 7 बार विधायक चुने जा चुके हैं. वो पहला चुनाव 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर जीते थे. 81 साल के माता प्रसाद पांडेय दो बार विधानसभा अध्यक्ष भी रहे हैं. लंबे राजनीतिक अनुभव और संसदीय परंपराओं के अच्छे जानकार माने जाते हैं. मुलायम सिंह के सानिध्य में माता प्रसाद 2012 में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष बने थे. हालांकि, 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. खैर 2022 में वो एक बार फिर विधायकी जीत कर आए.

पार्टी ने क्यों किया चुनाव?

मूल काडर के नेता: शिवपाल के अलावा इंद्रजीत सरोज और राम अचल राजभर BSP से SP में आए हैं. ऐसे में माता प्रसाद सपा के मूल काडर से होने के नाते मजबूत हो गए.

कार्यवाही का अनुभव: नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवपाल यादव भी मजबूत दावेदार माने जा रहे थे. वो मायावती के वक्त में इस पद पर थे भी. लेकिन अभी हर सदन में यादव होने के कारण पार्टी ने माता प्रसाद को उनके अनुभव के आधार पर चुना. उनकी शिवपाल के साथ अच्छी बनती भी है.

ब्राह्मण चेहरा: माता प्रसाद ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. पूर्वांचल में ब्राह्मणों का सियासी दबदबा है. यहां से हरिशंकर तिवारी, शिव प्रताप शुक्ला जैसे कई बड़े ब्राह्मण नेता निकले हैं. यहां की 39 सीटे में से 2022 में सपा को 6 सीटें मिली थी. ऐसे में माता प्रसाद के जरिए इन सीटों को साधना है.


First Updated : Monday, 29 July 2024