जनसंख्या का डर या राजनीति मकसद! नायडू-स्टालिन क्यों कर रहें ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील?

Stalin Urges People to Have More Kids: दक्षिण भारत के राज्यों ने पिछले कुछ दशकों में जनसंख्या नियंत्रण नीतियों में सफलता हासिल की है, लेकिन अब इन राज्यों को यह डर सताने लगा है कि उनकी आबादी में कमी से राजनीतिक दबदबा कम हो सकता है. यही वजह है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता जनता से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रहे हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

MK Stalin Urges People to Have More Kids: आंध्र प्रदेश के CM एन चंद्रबाबू नायडू अपने बयान को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री ने एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा, '16 बच्चे क्यों नहीं पैदा करें'. उनके इस बयान के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है. बता दें कि दक्षिण भारत में घटती प्रजनन दर चिंता का विषय बनती जा रही है. हालांकि नायडू का अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह कोई नई बात नहीं है, लेकिन उनका यह प्रस्ताव कि कोई व्यक्ति पंचायत या नगरपालिका चुनाव तभी लड़ सकता है जब उसके दो से अधिक बच्चे हों, यह दर्शाता है कि वह केवल शब्दों से आगे जाने के इच्छुक हैं.

दक्षिण भारत के मुख्यमंत्री अपनी जनसंख्या में कमी के डर को लेकर चिंतित हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे अधिक बच्चे पैदा करें. यह स्थिति केवल राजनीतिक दबदबे से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक संतुलन पर भी असर डाल सकती है.

परिसीमन की चिंता

जनसंख्या वृद्धि के कारण परिसीमन (सीटों का पुनर्विभाजन) के बाद उत्तर भारत के राज्यों का दबदबा और बढ़ सकता है. 1976 से लोकसभा सीटों की संख्या 543 स्थिर है, लेकिन 2001 में इसे जनसंख्या सीमित करने के उपायों के तहत 25 साल के लिए फ्रीज कर दिया गया. अब नई जनगणना के बाद परिसीमन की चर्चा जोर पकड़ चुकी है. दक्षिण भारत के नेताओं को चिंता है कि इससे उनके हिस्से की लोकसभा सीटें घट सकती हैं.

क्या होगा परिणाम?

अगर जनसंख्या में परिवर्तन को ध्यान में रखा जाता है, तो दक्षिण भारत के पांच राज्यों को 23 सीटों का नुकसान हो सकता है. दूसरी ओर, उत्तर भारत के राज्य जैसे यूपी, बिहार, और महाराष्ट्र को 35 सीटें मिल सकती हैं. इससे राजनीतिक संतुलन बिगड़ने का खतरा है.

आबादी और लोकसभा सीटों में राज्यों की हिस्सेदारी, देखें आंकड़े

आंकड़े
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जनसंख्या का प्रभाव

हालांकि, दक्षिण भारत की जनसंख्या में कमी का असर कहीं न कहीं समस्त भारत पर पड़ा है. 1990 के दशक की शुरुआत में केरल की प्रजनन दर 2 थी, जबकि यूपी की 4.8 थी. अब 2021 में, केरल की दर 1.8 और यूपी की 2.4 हो गई है. इस अंतर में कमी आई है, और अब अधिकांश राज्यों में प्रजनन दर प्रतिस्थापन स्तर के नीचे जा रही है.

नेताओं की नई अपील

मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक सामूहिक विवाह समारोह में '16 बच्चों का लक्ष्य' रखने का मजाक किया, जबकि नायडू ने अपनी अपील को गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा, "एक समय में मैंने परिवार नियोजन का पालन करने का आह्वान किया था, लेकिन अब मैं लोगों से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील कर रहा हूं.

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25 October 2024, 01:45 PM IST

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