महाराष्ट्र में बहुमत होने के बावजूद सरकार बनाने में क्यों हो रही देरी जानें वजह

Maharashtra government formation: महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए आज पूरे एक सप्‍ताह बीत चुके हैं फिर भी प्रचंड बहुमत हासिल करने वाले महायुति गठबंधन की सरकार का गठन अधर में लटका हुआ है. भाजपा, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन ने 230 सीटें हासिल की हैं, लेकिन फिर भी नई सरकार का गठन अनिश्चित बना हुआ है.

calender

Maharashtra government formation: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम को आज एक सप्ताह हो चुका है, लेकिन बहुमत हासिल करने वाले महायुति गठबंधन की सरकार का गठन अब भी नहीं हो पाया है. भाजपा, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन ने 230 सीटें जीती हैं, लेकिन मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है.

भले ही भाजपा को बहुमत मिल गया हो, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं हो पाया है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की बैठक हुई थी, जिसमें महायुति के तीनों नेताओं - एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में चर्चा की थी, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. हालांकि, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और तिथि व स्थान भी तय हो चुके हैं. फिर भी भाजपा सरकार गठन में देरी क्यों कर रही है? आइए समझते हैं.

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अड़चन

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को आए थे. इसके बाद महायुति गठबंधन के नेताओं ने कहा था कि मुख्यमंत्री के नाम पर तीनों पार्टियां मिलकर फैसला लेंगी, लेकिन शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेदों के कारण मुख्यमंत्री के चयन में अड़चन आई. देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे दोनों मुख्यमंत्री के पद के प्रमुख दावेदार थे. हालांकि, चार दिन पहले एकनाथ शिंदे ने यह कहकर सीएम की दौड़ से कदम पीछे कर लिए थे कि उन्हें किसी पद की कोई इच्छा नहीं है. इसके बावजूद, मुख्यमंत्री का नाम अब तक नहीं तय किया जा सका.

फडणवीस का नाम क्यों नहीं तय हुआ?

शिंदे के बयान के बाद यह माना जा रहा था कि भाजपा की ओर से देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका कारण यह है कि शिवसेना का दावा है कि महायुति को जो भारी समर्थन मिला, वह एकनाथ शिंदे की वजह से मिला है. इसलिए शिवसेना चाहती है कि शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए. अब भाजपा नेतृत्व प्रयास कर रहा है कि मुख्यमंत्री का नाम सर्वसम्मति से तय हो ताकि भविष्य में किसी प्रकार की चुनौती का सामना न करना पड़े. First Updated : Saturday, 30 November 2024