मुसलमानों ने निभाया वादा! पहले किया विरोध अब खुद क्यों तोड़ी मस्जिद?
Muslims Demolished Mosque In Mumbai: मुंबई के धारावी में एक मस्जिद का अवैध निर्माण ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा खुद ही हटा दिया गया. हालांकि, पिछले हफ्ते जब बीएमसी के अधिकारी इसे गिराने पहुंचे थे तो वहां के लोगों ने इसका विरोध किया था और बीएमसी की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया था.
Muslims Demolished Mosque In Mumbai: मुंबई के धारावी में स्थित महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद के अवैध निर्माण को ट्रस्ट द्वारा स्वयं तोड़ दिया गया है. पिछले सप्ताह जब BMC की टीम मस्जिद के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने पहुंची थी तब वहां स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था. इस दौरान तनावपूर्ण माहौल बन गया था. पुलिस और प्रशासन की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी हुई थी. इसके बाद हालात को बिगड़ता देख ट्रस्ट ने स्वेच्छा से अवैध निर्माण को हटाने का वादा किया था था. उसी के अनुसार सोमवार को ट्रस्ट ने इसे हटा दिया.
बीएमसी ने धारावी के 90 फीट रोड पर स्थित 25 साल पुरानी सुभानिया मस्जिद के एक हिस्से को अवैध घोषित किया था. कार्रवाई से पहले ही मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर आकर प्रदर्शन करने लगे और रास्ता जाम कर दिया. समुदाय के लोगों का कहना था कि यह मस्जिद काफी पुरानी है और इस पर कार्रवाई गलत है.
पिछले हफ्ते हुई थी कार्रवाई
पिछले सप्ताह धारावी में महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने को लेकर तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. जब बीएमसी की टीम अवैध निर्माण को हटाने पहुंची तब स्थानीय लोग इसका विरोध करने लगे. लोगों ने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया और विरोध के दौरान नगर पालिका की गाड़ियों पर भी हमला किया गया
पुलिस की तैनाती और चर्चा
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की भारी तैनाती की गई थी. इस दौरान पुलिस और बीएमसी के अधिकारी मुस्लिम समुदाय के नेताओं से वार्ता करते रहे ताकि माहौल शांत हो सके. चर्चा के बाद मुस्लिम समाज ने वादा किया था की वो अवैध हिस्से को गिरा देंगे. व्यवस्थाएं जमाने के लिए उन्होंने थोड़ा वक्त मांगा था.
सांसद ने किया था हस्तक्षेप
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल की सांसद, प्रो. वर्षा गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उन्हें इस मामले में अवगत कराया. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि बीएमसी द्वारा मस्जिद को ध्वस्त करने के नोटिस से लोग काफी नाराज हैं और इसके खिलाफ लोगों की भावनाओं को समझने की आवश्यकता है.