'क्या अजित और शरद पवार फिर से एक होंगे? पवार परिवार में सुलह की नई उम्मीद!'

महाराष्ट्र की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ आया है, जब अजित पवार की मां ने अपने बेटे और शरद पवार के बीच सुलह की उम्मीद जताई। इस बयान ने पवार परिवार के फिर से एक होने की अटकलें तेज कर दी हैं। क्या अजित पवार और शरद पवार के बीच फिर से जुड़ाव होगा? और इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में क्या बदलाव आएगा? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

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Edited By: Aprajita

Maharastra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों एक नई हलचल मच गई है, जब अजित पवार की मां आशाताई ने अपने बेटे और उनके चाचा शरद पवार के बीच फिर से सुलह की उम्मीद जताई है। उनके बयान से ऐसा लगता है कि पवार परिवार में एकजुटता की संभावना फिर से जागी है, और यह खबर अब पूरे राज्य में सुर्खियां बटोर रही है। आइए जानते हैं कि इस बयान के पीछे क्या वजह है और महाराष्ट्र की राजनीति में इसके क्या मायने हो सकते हैं।

आशाताई का सुलह का आह्वान

बुधवार को पंढरपुर के विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद आशाताई ने कहा, "मैंने प्रार्थना की है कि पवार परिवार के अंदर की सारी शिकायतें खत्म हो जाएं और अजित और शरद पवार फिर से एक साथ आ जाएं। मुझे उम्मीद है कि मेरी प्रार्थना स्वीकार की जाएगी।" उनकी यह बात निश्चित रूप से परिवार में सुलह की अटकलों को और हवा दे रही है।

पवार परिवार के बीच बढ़ी सुलह की उम्मीदें

12 दिसंबर को जब अजित पवार शरद पवार के दिल्ली स्थित घर पहुंचे और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं, तब से यह सुलह की खबरें तेज हो गईं। यह मुलाकात खास तौर पर इसलिए अहम है क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट को बड़ा झटका लगा था। इस चुनाव में अजित पवार के गुट ने 41 सीटें जीतकर शानदार वापसी की, जबकि शरद पवार के गुट को केवल 10 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।

एनसीपी नेताओं की सुलह की मांग

आशाताई की बातों के बाद एनसीपी के कई नेताओं ने पवार परिवार के एकजुट होने की उम्मीद जताई है। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हालांकि दोनों गुट अलग-अलग राजनीतिक रुख अपना रहे हैं, लेकिन शरद पवार के लिए उनका सम्मान कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा, "अगर पवार परिवार फिर से एकजुट होता है तो हमें बहुत खुशी होगी। मैं खुद को पवार परिवार का हिस्सा मानता हूं।"

इसके साथ ही नरहरि जिरवाल जैसे एनसीपी के नेताओं ने भी इस सुलह की मांग की है। उनका मानना है कि अगर परिवार एकजुट होता है, तो पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं को भी इसका फायदा होगा। जिरवाल ने कहा, "हम (एनसीपी में विभाजन के कारण) दुखी हैं, क्योंकि हम शरद पवार का बहुत सम्मान करते हैं।"

क्या होगा पवार परिवार का भविष्य?

महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार का बड़ा असर रहा है, और अब सवाल यह है कि क्या यह परिवार फिर से एकजुट होगा या नहीं। अजित पवार पहले ही शिवसेना-बीजेपी महायुति के साथ मिलकर सरकार बना चुके हैं, और शरद पवार का गुट विपक्ष में है। ऐसे में अगर पवार परिवार फिर से एकजुट होता है, तो महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।

पवार परिवार के बीच सुलह की संभावनाएं राजनीति की दुनिया में किसी बड़े बदलाव का संकेत हो सकती हैं। अजित पवार और शरद पवार के बीच राजनीतिक विभाजन के बाद यह दोनों परिवारों के लिए एक अहम पल हो सकता है। इन दोनों के फिर से एक होने से महाराष्ट्र की राजनीति में नई ताकत आ सकती है, और इस सुलह के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी एक नई ऊर्जा देखने को मिल सकती है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में पवार परिवार के रिश्ते और राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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02 January 2025, 04:22 PM IST

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