पंजाब के 6 सरहदी जिलों में ग्रामीण चौकसी कमेटियां गठित कर पंजाब पुलिस ने आतंकियों, गैंगस्टरों और नशा तस्करों को टक्कर देने की रणनति बनने का निर्णय लिया है।इस रणनीति के बाद अब अपराधियों और आतंकियों की नाक मे नकेल कसी जा सकेगी। ग्राउंड स्तर पर इस दिशा को लेकर काम शुरू हो गया है। पुलिस ने गांव वालों से उम्मीद जताते हुए कहा कि लोग हमे सबसे सटीक सूचना देंगे। इससे आतंकियों और गैंगस्टरों का नेटवर्क कमजोर होगा। इसी बहाने पुलिस और ग्रामीणों के रिश्ते भी मजबूत होंगे क्योंकि पहले भी कई ऑपरेशन में गांव वालों ने पुलिस की मदद की है।
तरनतारन स्थित सरहाली थाने पर हुए आरपीजी हमले के बाद पुलिस ने नए सिरे से अपने नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में कार्रवाई शुरू की है। इस दौरान पहले चरण में फाजिल्का, फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट में ग्रामीण चौकसी कमेटियां गठित करने का फैसला लिया गया क्योंकि पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा तक वाहन तो जाते नहीं हैं। ऐसे क्षेत्र में ग्रामीण ही एक्टिव रहते होते हैं।
सीमा पार से किसी भी प्रकार की हलचल होती है तो सबसे पहले गांव वालों तक पहुंचती है। अगर ग्रामीण सही समय से सूचना देते हैं तो पुलिस आरोपियों के कई ऑपरेशन को फेल कर सकती है। इसके अलावा गत समय में यह चीज भी देखने में आई है कि विदेश में बैठे गैंगस्टर और आतंकी स्थानीय युवाओं को चंद पैसे के चक्कर में गुमराह कर अपने लिए प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों के बारे में भी इन कमेटियों से सूचना जा सकती है।
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